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केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को समर्थन देगी सपा, लखनऊ में अखिलेश से मिलने पहुंचे AAP नेता

केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में चुनौती देने की तैयारी में हैं. इसी सिलसिले में वो कई भाजपा विरोधी पार्टियों के प्रमुख से मुलाकात कर रहे हैं. इसी क्रम में आज वो सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने भी पहुंचे और अखिलेश ने इस मुद्दे पर केजरीवाल को समर्थन देने की घोषणा की है.

केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को समर्थन देगी सपा केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को समर्थन देगी सपा
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 07 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद अखिलेश यादव ने दिल्ली के लिए लाए गए केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की. दरअसल केंद्र सरकार दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर अध्यादेश लाई है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश को राज्यसभा में चुनौती देने की तैयारी में हैं और इसी सिलसिले में वो कई भाजपा विरोधी पार्टियों के प्रमुख से मुलाकात कर रहे हैं.

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लखनऊ में हुई इस बैठक में केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी थे. केजरीवाल ने बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान केजरीवाल ने कहा, 'हमने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ चर्चा की... हम उन्हें धन्यवाद देते हैं क्योंकि उन्होंने राज्यसभा में अध्यादेश आने पर अपनी पार्टी के समर्थन का आश्वासन दिया है.' इसी दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख ने अध्यादेश को 'लोकतांत्रिक' करार देते हुए कहा, 'मेरी पार्टी आपके (केजरीवाल) साथ है.'

2024 के चुनावों में मिलेगा 'मजबूत संदेश'

केजरीवाल ने कहा कि अगर राज्यसभा में अध्यादेश हार जाता है, तो यह 2024 के संसदीय चुनाव से पहले एक मजबूत संदेश देगा. केजरीवाल ने कहा, 'यदि सभी भाजपा विरोधी दल एकजुट हो जाते हैं और राज्यसभा में अध्यादेश को हरा देते हैं, जहां भाजपा बहुमत में नहीं है, तो यह अगले साल के चुनावों का सेमीफाइनल होगा और देश को एक मजबूत संदेश देगा.'

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केंद्र के अध्यादेश को नाकाम करने की साजिश

बता दें कि अरविंद केजरीवाल इन दिनों गैर-बीजेपी दलों के नेताओं से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए मुलाकात कर रहे हैं ताकि संसद में लाए जाने वाले बिल के माध्यम से इसे बदलने की केंद्र की कोशिश विफल हो जाए. CPM महासचिव सीताराम येचुरी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे, NCP प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब तक AAP को इस मुद्दे को लेकर अपना समर्थन दे दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी इस मामले में केजरीवाल का समर्थन किया है.

केंद्र सरकार लाई अध्यादेश

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसे आप सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा बताया था.

SC के फैसले के बाद आया अध्यादेश

यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपे जाने के एक सप्ताह बाद आया था. यह DANICS कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के ट्रांसफर और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करना चाहता है. शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी नियंत्रण में थे.

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