
संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. मुगलकालीन इस मस्जिद के एक प्राचीन हिंदू मंदिर स्थल होने के दावे के बाद पुलिस ने इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी और दिन में फ्लैग मार्च भी किया. यह मामला उस याचिका के बाद चर्चा में आया, जिसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन हरिहर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त करके किया गया था. इस दावे के आधार पर स्थानीय अदालत के आदेश पर मंगलवार को मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था.
पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि सात पुलिस थानों की फोर्स की मदद से मस्जिद और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई. उन्होंने बताया कि नमाज शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हुई. विश्नोई ने यह भी बताया कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया गया और लोगों को चेतावनी दी गई कि किसी भी तरह की अराजकता फैलाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने बताया कि क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने को लेकर रोक लगाई गई है. मस्जिदों के मौलवियों को निर्देश दिया गया है कि वे लोगों से अपील करें कि नमाज सिर्फ अपनी-अपनी मस्जिदों में अदा करें. सुप्रीम कोर्ट के वकील और याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में इस मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था. उन्होंने कहा, "यह क्षेत्र एएसआई द्वारा संरक्षित है, जहां किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हो सकता."
जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ विवाद सहित कई अन्य मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है.
हिंदू पक्ष की दलीलें
स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने बताया कि याचिका में "बाबर नामा" और "आईन-ए-अकबरी" जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों का उल्लेख किया गया है, जिनमें इस स्थल को हरिहर मंदिर बताया गया है. शर्मा ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी, जब एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
क्या बोला विपक्ष
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा, "संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और पुरानी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में आदेश दिया था कि 1947 के बाद से सभी धार्मिक स्थल अपनी वर्तमान स्थिति में बने रहेंगे."
सांसद जिया उर रहमान बर्क ने दी ये प्रतिक्रिया
संभल मस्जिद विवाद पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसे "बाहर के लोगों द्वारा शांति भंग करने का प्रयास" बताया और कहा कि यह मामला पूजा स्थल अधिनियम के खिलाफ है. बर्क ने कहा, "यह बेहद दुखद है कि बाहर से लोग आकर संभल की शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हमारी बात सुने बिना यह मुद्दा उठाया है. यह सीधे तौर पर पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है."
उन्होंने संविधान और कानून के दायरे में रहकर देश चलाने की बात करते हुए कहा, "हम इस देश को संविधान और कानून के जरिए चलाना चाहते हैं. अगर आज एक धर्म के लोग ऐसा दावा कर सकते हैं, तो कल दूसरे धर्म के लोग भी ऐसा ही करेंगे." उन्होंने कहा, "मैं इस मामले को संसद में जोरदार तरीके से उठाऊंगा और संभल की शांति बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाऊंगा."