Advertisement

'राहुल गांधी क्या बोलते हैं, उन्हें खुद पता नहीं...', संसद कांड पर नित्यानंद राय का पलटवार

संसद कांड पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राहुल गांधी क्या बोलते हैं, उन्हें खुद ही पता नहीं. संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया है.

राहुल गांधी और नित्यानंद राय (फाइल फोटो) राहुल गांधी और नित्यानंद राय (फाइल फोटो)
आदित्य वैभव
  • पटना,
  • 17 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस देश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे बेरोजगारी और महंगाई है. वहीं अब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

दिल्ली से पटना पहुंचे नित्यानंद राय ने कहा, "राहुल गांधी क्या बोलते हैं, उन्हें खुद समझ नहीं आता है. प्रधानमंत्री की अनेक योजनाओं से इस देश का भला हो रहा है. गरीबी और बेरोजगारी मिट रही है. नौजवानों को रोजगार मिल रहा है." उन्होंने कहा कि तीन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने अनुसूचित जाति और वंचित समाज के लोगों को मुख्यमंत्री बनाया है.  

Advertisement

वहीं बिहार में 2024 के चुनाव को लेकर नित्यानंद राय ने कहा कि राज्य के विपक्ष में कोई दम नहीं बचा है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें, देश की जनता ने कमर कस ली है. विकास के भागीरथ हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी हैं. 

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे. राहुल ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक इसलिए हुई क्योंकि इस देश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि PM मोदी की नीतियों के कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. इस घटना के पीछे का कारण बेरोजगारी और महंगाई हैं. 

सदन में बयान क्यों नहीं दे रहे अमित शाह: जयराम रमेश

इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और आश्चर्य जताया था कि गृहमंत्री सदन में बयान देने को तैयार क्यों नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसमें मैसूर के भाजपा सांसद की भूमिका थी जिन्होंने घुसपैठियों को विजिटर पास उपलब्ध कराए थे. जयराम रमेश ने सवाल उठाया था कि इस मामले में उनकी क्या भूमिका है. साथ ही कहा था कि ये संसद की अवमानना है. यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है. जब संसद का सत्र चल रहा हो तो मंत्री कभी भी गंभीर मुद्दों पर संसद के बाहर इतने बड़े बयान नहीं देते. वे संसद को विश्वास में लेते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement