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'...तो पंजाब-MP समेत कई राज्यों से हो जाएगा BJP का सफाया', क्यों बोले सत्यपाल मलिक

इंटरव्यू में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा,  ''मेरा यह असेसमेंट है कि पंजाब, हरियाणा, वेस्टर्न यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश में सब सफाया हो जाएगा हमारा (बीजेपी). मैं जहां-जहां कह सकता था, उनसे कह दिया.

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST
  • सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन का किया समर्थन
  • 'नहीं मानी गईं मांगें तो कई राज्यों से होगा सफाया'

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं. कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग करने वाले किसानों को मेघायल के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का फिर से समर्थन मिला है. मलिक ने दो टूक कहा है कि यदि किसानों की मांगें नहीं मांगी गईं तो पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, वेस्टर्न यूपी, राजस्थान में बीजेपी का सफाया हो जाएगा. इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए मलिक ने दावा किया कि उन्होंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की है और किसानों की मांगों को मानने की अपील की है. 

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'पीएम-गृह मंत्री से कह चुका हूं, करिए नहीं तो होगा नुकसान'
इंटरव्यू में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा,  ''मेरा यह असेस्टमेंट है कि पंजाब, हरियाणा, वेस्टर्न यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश में सब सफाया हो जाएगा हमारा (बीजेपी). मैं जहां-जहां कह सकता था, उनसे कह दिया. कृषि मंत्री (नरेंद्र सिंह तोमर) से कहना तो बेमतलब दुखी करना है. जो करना है वह प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री को करना है. मैं दोनों से कह चुका है कि इसे करिए नहीं तो नुकसान हो जाएगा. मुझे लगता है कि ब्यूरोक्रेसी में कुछ लोग हैं, जो मिसगाइड कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि जो कृषि को नहीं जानते हैं, वे ही कह रहे हैं कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में रिफॉर्म आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी खेती को और खेती वालों को जानते हैं. गुजरात में उनकी परफॉर्मेंस प्रो-फार्मर थी. गुजरात में उनके काम देखिए, उन्होंने काफी काम किए. एमएसपी का मुद्दा उन्होंने ही चीफ मिनिस्टर रहने हुए उन्होंने ही उठाया था.

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'पीएम तो बादशाह, नरमी दिखाएंगे तो बढ़ेगी इज्जत'
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री तो बादशाह हैं, अगर वे नरमी दिखाएंगे तो उनकी तो इज्जत बढ़ेगी. अगर पूरे मामले को सुलझाना हो तो एमएसपी पर लीगल गारंटी दे दी जाए. दस दिन में सुलझ जाएगा. कानून वाला मामला बड़ा नहीं है. किसान आंदोलन 100 फीसदी पूरी तरह सही है. मैंने चरण सिंह जी, लोहिया जी से सीखा है कि अपने वर्क इंट्रेस्ट को कभी कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहिए. किसानों की मांगें बिल्कुल भी नाजायज नहीं है. आंदोलन को सालभर होने वाला है. 600 लोगों की मौत हो चुकी है. कुतिया भी मरती है तो संवेदनाएं भेजी जाती हैं, आज हम उनका नोटिस भी नहीं ले रहे हैं. यह मुझे अन्याय की बात लगती है.  

कश्मीर में दो फाइलों के मामले पर क्या बोले सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक ने पिछले दिनों दावा किया था कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तब दो फाइलें पास कराने के लिए आई थीं. इसमें से 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते थे. लेकिन दोनों फाइलों को उन्होंने मना कर दिया. इस पर बात करते हुए मलिक ने इंटरव्यू में कहा, ''मुझे जानकारी दी गई कि इसमें 150-150 करोड़ की पेमेंट होने की संभावना है. अगर आप चाहोगे तो हो जाएगा. जब मैंने प्रधानमंत्री जी से इस बात के बारे में शेयर किया तो उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं. कैंसिल कर दो. मैंने दोनों फाइलें कैंसिल कर दीं.'' वहीं, महबूबा मुफ्ती के दस करोड़ के मानहानि वाले नोटिस पर सत्यपाल मलिक ने जवाब दिया कि मेरे पास तो एक करोड़ रुपये भी नहीं है. मैं कहां से दूंगा. उनके वकीलों ने उन्हें समझाया नहीं है कि गवर्नर के ऊपर मुकदमा नहीं किया जा सकता है. उस रोशनी एक्ट का सबसे ज्यादा फायदा उनके वर्कर्स को ही हुआ. मैंने तीन दिन पहले भी वहां के अधिकारियों से साफ किया तो उन्होंने भी बताया कि ज्यादातर प्लॉट्स इन्हीं के वर्कर्स को मिले थे.  

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किसान आंदोलन के समर्थन में पहले भी बोल चुके हैं मलिक
यह पहली बार नहीं है जब मेघायल के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. इससे पहले भी कई बार वह समय-समय पर आंदोलन और और किसानों के पक्ष में आवाज उठाते रहे हैं. कुछ महीने पहले उन्होंने कहा था कि दिल्ली से किसानों को दबाव और अपमानित करके खाली हाथ नहीं भेजा जाना चाहिए. मैं सरदारों को जानता हूं, वे 300 सालों तक बातों को नहीं भूलते हैं. साथ ही वे यह भी दावा करते रहे हैं कि यदि एमएसपी को कानून के दायरे में ले आया जाए तो वे किसान आंदोलन को खत्म करवा देंगे.

 

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