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सत्येंद्र जैन ED के दस्तावेजों की जांच करा पाएंगे या नहीं? कोर्ट 30 नवंबर को सुनाएगा फैसला

सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि जांच के दौरान जो दस्तावेज़ और हमारे बयान जांच एजेंसी ने दर्ज किए हैं, हम तो बस उनको एक बार देखने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन जांच एजेंसी फेयर ट्रायल का ही विरोध कर रही है. जबकि ED ने कहा कि जैन की याचिका का मकसद सिर्फ ट्रायल में देरी करना है. कोर्ट का समय खराब करने की मंशा वाली ऐसी याचिका जुर्माने के साथ खारिज कर ट्रायल में आगे बढ़ जाना चहिए.

दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो) दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय किए जाने के सिलसिले में उनकी ओर से दाखिल दस्तावेजों की जांच की मांग वाली याचिका पर 30 नवंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय और सत्येंद्र जैन के वकीलों की दलीलें सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि जैन की याचिका का मकसद सिर्फ ट्रायल में देरी करना है. कोर्ट का समय खराब करने की मंशा वाली ऐसी याचिका जुर्माने के साथ खारिज कर ट्रायल में आगे बढ़ जाना चहिए. ED ने कहा कि पहले भी 16 बार विभिन्न तरीके से इस मामले में सुनवाई टालने की मांग की जा चुकी है. अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर बार-बार मामले को अटकाने और लटकाने की कोशिश कर ट्रायल शुरू करने में देरी की जा रही है.

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इस पर सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि हम ट्रायल में देरी नहीं कर रहे हैं. हम तो संविधान के तहत आरोपी के रूप में मिले अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के वकील से पूछा कि आप इस स्टेज पर दस्तावेज़ों की जांच क्यों करना चाहते हैं?

सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि जांच के दौरान जो दस्तावेज़ और हमारे बयान जांच एजेंसी ने दर्ज किए हैं, हम तो बस उनको एक बार देखने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन जांच एजेंसी फेयर ट्रायल का ही विरोध कर रही है.

ED ने सत्येंद्र जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दस्तावेज़ों की जांच करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है. जैन के वकील ने फिर कहा कि हम अपने बेहद अहम अधिकार के तहत दस्तावेजों की जांच की मांग कर रहे हैं. हमें इसका स्पष्ट अधिकार है, क्योंकि जो दस्तावेज़ जांच एजेंसी के पास हैं, चार्ज फ्रेम करते समय उनमें से कुछ दस्तावेज़ हमारे पक्ष में काफी अहम साबित हो सकते हैं.

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ED ने कहा कि जब हम चार्ज फ्रेम करने के अहम मोड़ पर खड़े हैं, ऐसे में दस्तावेजों की जांच को लेकर अर्ज़ी दाखिल कर दी गई है. जैन की याचिका का मकसद सिर्फ ट्रायल में देरी करने का है. ED ने कहा कि फेयर ट्रायल तभी होगा जब ट्रायल शुरू होगा. सत्येंद्र जैन को पहले ट्रायल शुरू होने देना चहिए. ट्रायल चार्ज फ्रेम होने के बाद ही शुरू होता है, लेकिन ये अपने कथित अधिकारों की दुहाई देते हुए उसमें ही अड़ंगे लगा रहे हैं. इस पर जैन के वकील ने कहा कि 2017 में FIR दर्ज की गई थी. 6 साल तक जांच की गई. 5 साल बाद मुझको गिरफ्तार किया गया. अब जांच एजेंसी कह रही है कि जैन ट्रायल में देरी कर रहे हैं. 

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