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कर्नाटक विधानसभा में सावरकर की तस्वीर लगाने पर बवाल, भड़की कांग्रेस

कर्नाटक विधानसभा में सावरकर की फोटो लगाने पर विवाद खड़ा हो गया है. सरकार के इस फैसले का कांग्रेस जबरदस्त विरोध कर रही है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने इसे बीजेपी का एजेंडा बताया है. उन्होंने सावरकर को एक विवादित शख्सियत भी कहा. सिद्धारमैया ने आगे कहा कि सावरकर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल थे.

कर्नाटक विधानसभा में सावरकर समेत कई क्रांतिकारियों के चित्र का अनावरण किया गया. कर्नाटक विधानसभा में सावरकर समेत कई क्रांतिकारियों के चित्र का अनावरण किया गया.
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST

कर्नाटक विधानसभा में वीर सावरकर की तस्वीर लगाने पर विवाद खड़ा हो गया है. एक तरफ कांग्रेस नेता सावरकर की फोटो लगाने का विरोध कर रहे हैं है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा इसे गंदी राजनीति बता रही है.

सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा में सावरकर सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के चित्र का अनावरण किया. कार्यक्रम के बाद कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया.

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बता दें कि विधानसभा में सावरकर के अलावा महात्मा गांधी, बसवन्ना, सुभाष चंद्र, डॉ बीआर अंबेडकर, सरदार पटेल और स्वामी विवेकानंद के चित्रों का अनावरण भी किया गया है.

कांग्रेस के विरोध पर पलटवार करते हुए BJP ने कहा है कि अभी विधानसभा में तस्वीरें लगाने का क्रम खत्म नहीं हुआ है. भविष्य में और भी महान नेताओं के चित्र स्थापित किए जा सकते हैं.

अनावरण के दौरान भाजपा ने कहा कि कांग्रेस को सावरकर के चित्र का स्वागत करना चाहिए और इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह कांग्रेस नेताओं का निंदनीय कृत्य है. कांग्रेस को राजनीति करने के बजाय सावरकर के योगदान का सम्मान करना चाहिए.

एक दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने इसे बीजेपी का एजेंडा बताया था. उन्होंने सावरकर को एक विवादित शख्सियत भी कहा था. सिद्धारमैया ने आगे कहा था कि सावरकर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल थे. कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान ने भी वीर सावरकर को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था.

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राहुल गांधी ने कहा था कि मैं बहुत क्लियर हूं. इस देश में एक ओर सावरकर और दूसरी ओर गांधी के विचारों की लड़ाई है. मेरी राय है कि सावरकर ने डर की वजह से चिट्ठी पर साइन किया तो वहीं नेहरू, पटेल गांधी सालों तक जेल में रहे, कोई चिट्ठी साइन नहीं की. सावरकर के चिट्ठी पर साइन करना हिंदुस्तान के सभी नेताओं के साथ धोखा था.

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