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सुप्रीम कोर्ट ने मिनी रत्न कंपनी हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड (Hindustan Latex Ltd) में विनिवेश (Disinvestment) की योजना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका एक एनजीओ ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि हिंदुस्तान लेटेक्स कंपनी का काम देशभर में परिवार नियोजन कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, विनिवेश प्रक्रिया के जरिए सरकार सार्वजनिक सेक्टर की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच देती है. इसी के विरोध में यह जनहित याचिका दायर की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया, हिंदुस्तान लेटेक्स दुनिया की एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो जन्म नियंत्रण (Birth Control) के तरीकों से जुड़ी हर सेवा मुहैया कराती है. इसके अलावा अस्पताल से जुड़े प्रॉडक्ट्स से लेकर फार्मास्युटिकल्स, आयुर्वेदिक दवाइयां, वैक्सीन, पर्सनल हाइजीन के उत्पाद और डायग्नोस्टिक किट्स तक उपलब्ध कराई जाती है.
याचिका में बताया गया कि हिंदुस्तान लेटेक्स ने देशभर के अमृत फार्मेसी (Amrit Pharmacy) स्टोर्स की स्थापना की है ताकि गरीबों को सस्ते दाम पर हेल्थकेयर सेवाएं मुहैया कराई जा सके.
बता दें कि 1966 में जापान की ओकामोतो इंडस्ट्रीज (Okamoto Industries) के सहयोग से हिंदुस्तान लेटेक्स की स्थापना हुई थी. इसका पहला प्लांट 5 अप्रैल 1969 को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के पेरूरकडा में स्थापित किया गया था. इसके अलावा कोच्चि के इरापुरम, बेलगाम के कनागल और गुड़गांव के मानेसर सहित कई जगह कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट्स हैं.