
कर्नाटक के कथित हनीट्रैप स्कैंडल से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. इस मामले की SIT से जांच की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि झारखंड में रहते हुए आपको कर्नाटक की चिंता क्यों है?
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास और भी बहुत काम है. इस तरह की सियासी बकवास को हम क्यों सुनें. याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन की मांग की गई थी.
याचिका में क्या मांग की गई?
दरअसल कांग्रेस के एक वरिष्ठ मंत्री के एन राजन्ना ने अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों पर मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और जजों समेत 48 लोगों को हनीट्रैप किए जाने का आरोप लगाया है. झारखंड के रहने वाले याचिकाकर्ता बिनय कुमार सिंह ने जजों को भी हनीट्रैप किए जाने की खबरों पर चिंता जताई है.
याचिका में कहा गया है कि ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता पर आघात है. सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में मामले की जांच करवानी चाहिए. वकील ने कहा कि राजनेताओं, नौकरशाहों और जजों को हनी ट्रैप में फंसाने का आरोप है.
'कोर्ट के पास और भी कई काम हैं'
कोर्ट ने कहा कि वो हनी ट्रैप में क्यों फंसे? अगर कोई हनी ट्रैप रचता है और आप उसमें फंस जाते हैं तो आप खुद के लिए मुसीबत बुला रहे हैं. कर्नाटक हनी ट्रैप विवाद में जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि हमारे पास निपटाने के लिए बहुत काम हैं. कोर्ट को इस सारी राजनीतिक बकवास (पॉलिटिकल नॉनसेंस) से कोई लेना-देना नहीं है.