वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा SC, हिंदू सेना भी पहुंची अदालत

वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली 10 याचिकाओं पर 16 अप्रैल को CJI की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ताओं में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब अली खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा शामिल हैं.

Advertisement
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा SC वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा SC

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा. यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल हैं.

वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली 10 याचिकाओं पर 16 अप्रैल को CJI की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ताओं में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब अली खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा शामिल हैं.

Advertisement

हिंदू सेना ने भी दाखिल की याचिका
 
इस बीच वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन में अब हिंदू सेना भी सामने आ गई है. हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने अधिनियम का समर्थन करते हुए अदालत से पक्ष रखने की अनुमति मांगी है. बता दें कि हस्तक्षेप याचिका उन मामलों में दाखिल की जाती है जहां किसी तीसरे पक्ष को भी अपनी बात रखने की अनुमति चाहिए होती है.

SC में दाखिल हुई 16वीं याचिका

अब तक इस मुद्दे पर कई याचिकाएं कोर्ट पहुंच चुकी हैं. मंगलवार को एक और रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई. इसी मुद्दे पर यह 16वीं याचिका ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स ने दायर की. याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 25, 26, और 300ए का उल्लंघन करती है. समाज में चिंता बढ़ रही है, और उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को संवेदनशीलता से सुलझाएगा.

Advertisement

इस याचिका में दलील दी गई है कि इस कानून से वक्फ प्रबंधन और प्रशासन की पारंपरिक रीति में जो बुनियादी और ढांचागत बदलाव आता है, खासतौर वह नागरिकों और विशेष रूप से अल्पसंख्यकों को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 25, 26 और 300ए के तहत दी गई संवैधानिक गारंटी का स्पष्ट उल्लंघन और हनन है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement