
IC 814 Kandahar Hijack: नेटफ्लिक्स की IC-814 वेब सीरीज पर विवाद बढ़ गया है. कंधार विमान हाईजैक कांड पर आधारित इस सीरीज पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इस बीच, आजतक ने IC-814 हाईजैक की सर्वाइवर पूजा कटारिया से बात की है और पूरे घटनाक्रम के बारे में चर्चा की है. पूजा का कहना था कि मैं अपने पति राकेश कटारिया के साथ हनीमून मनाकर नेपाल लौट रही थी. जब आतंकियों ने प्लेन हाईजैक किया, उस दरम्यान मेरा 27 दिसंबर को 24वां बर्थडे भी था, इसलिए ये घटनाक्रम कभी नहीं भूल सकती हूं.
ये पूरा मामला 24 दिसंबर 1999 का है. विमान हाईजैक के सात दिन बाद यानी 31 दिसंबर 1999 को आतंकी मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों की रिहाई के बदले प्लेन अपहर्ताओं को छुड़ाया गया था. पूजा बताती हैं कि प्लेन में 26 ऐसे कपल थे, जो नेपाल से हनीमून मनाकर लौट रहे थे. प्लेन में रुपिन कात्याल और उनकी पत्नी रचना कात्याल भी थीं. बता दें कि आतंकियों ने प्लेन में रुपिन की हत्या कर दी थी.
मेरे बगल में बैठी थीं रचना कात्याल
पूजा बताती हैं कि प्लेन में रचना हमारे साथ ही बैठी थीं. हमें घटना के बारे में नहीं पता था. इस सीरीज को देखकर मुझे पुराने दिन याद आए. हमारा यह नया जन्म था. कुछ चीजों हमें भी पता नहीं चलीं. जैसे पायलट ने फ्यूल टैंक ब्लास्ट कर दिया था. बाहर क्या हो रहा था, हमें अंदर कुछ पता नहीं चलता था. हालांकि, अंदर की बातें थोड़ा कम दिखाई गई हैं. पॉलिटिकल ज्यादा बताया है. लोगों को भी पता चलना चाहिए कि गवर्नमेंट से कैसे पूरे मामले को हैंडल किया.
फ्रेंडली था बर्गर...
पूजा बताती हैं कि आतंकियों में 'बर्गर' फ्रेंडली थी. उसी ने लोगों को थोड़ा शांत करके रखा, वरना बहुत पैनिक हो सकता था. मैंने बर्गर से बात शुरू की, क्योंकि वही सब लोगों से बात करता था तो उसने बहुत फ्रेंडली सबसे बात की. मेरा उस दरम्यान बर्थडे भी था, उसने प्लेन में मेरा बर्थडे भी सेलिब्रेट करवाया था और गिफ्ट में शॉल दिया था. उस समय ठंड थी. माइनस 10 डिग्री टेम्परेचर था. मैं वही शॉल ओढ़े थी. उस वक्त ऐसा लग रहा था कि कल रहेंगे या नहीं. इसलिए जो आज है, उसी को जी लेते हैं.
आतंकियों ने कोड में रखे थे नाम
पूजा ने कहा, वेबसीरीज में बाकी सारी बातें सच हैं. आतंकियों ने उस वक्त अपने नाम बदलकर रखे थे. ये कोड वर्ड थे. वे लोग आपस में चीफ, बर्गर, डॉक्टर, भोला, शंकर के नाम से एक-दूसरे को बुलाते थे. जो दिखाया गया है, उसे मैं रिकॉल कर सकती हूं और सारी बातें सही लग रही हैं. जब वेबसीरीज देखी तो उसी दौर में चली गई थी. इसलिए बीच में बंद करना पड़ा था.
पूजा के पति ने नहीं देखी वेबसीरीज
पूजा बताती हैं कि मेरे पति ने अब तक वेबसीरीज नहीं देखी. वो डरावना वाक्या याद नहीं करना चाहते हैं. उनका कहना था कि मैं नहीं देख सकता है. दोबारा से ट्रामा आ सकता है. मैंने अपनी बेटी के साथ ये सीरीज देखी है. कास्टिंग अच्छी है. तथ्य भी सही हैं. पूजा आज भी अपने प्लेन टिकट सुरक्षित रखे हैं. उनके पास प्लेन से जुड़ी कई यादें हैं, जिन्होंने उन्हें सहेज कर रखा है.
उन्होंने कहा, वेबसीरीज में जो पहले दिन का ट्रॉमा दिखाया गया, वो एकदम सही था. मारा-पीटा गया और उठाकर दूसरी जगह ले जाया गया. जब यह घटनाक्रम हुआ, तब हम लोग भी हाईजैक के बारे में कुछ नहीं जानते थे. हम लोगों को लगा कि कुछ पैसों को लेकर डिमांड होगी और छोड़ देंगे. सात दिन तक हाईजैक चला जाएगा, ये उन आतंकियों को भी पता नहीं था. क्योंकि पहले दिन जब हम लोगों को पानी दिया जा रहा था तो आतंकियों ने एयर होस्टेस से बोला था कि थोड़ा-थोड़ा दीजिए ताकि दो दिन तक चल जाए. आतंकियों को लग रहा था कि एक-दो दिन में मांगें पूरी हो जाएंगी. लेकिन रिहाई होने में आठ दिन लग गए. आज सीरीज देखकर अंदाजा लग रहा है कि हम लोग किस फेज से होकर गुजरे.
राकेश बोले- सीरीज देखने का दिल नहीं करता
राकेश कटारिया का कहना था कि इस सीरीज को देखने को मेरा दिल नहीं करता है. इसके बारे में सुना बहुत है. नाम को लेकर कंट्रोवर्सी है. हालांकि, काफी हद तक सीरीज में सही दिखाया है. नाम कोड में थे. ऑरिजनल नाम अलग थे.
बताते चलें कि चीफ का असली नाम इब्राहिम अतर, बर्गर का सलीम अहमद काजी, डॉक्टर का शाहिद सैयद अख्तर, भोला का नाम जहूर इब्राहिम मिस्त्री, शंकर का नाम शाकिर था.