
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के महासचिव झांग मिंग ने गुरुवार को विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से मुलाकात की और आपसी हित के मामलों पर चर्चा की. पाकिस्तान के विदेश मामलों के मंत्री गोवा (भारत) पहुंचे हुए हैं. बिलावल भुट्टो ने विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक के दौरान आयोजित इस मीटिंग में एससीओ नेतृत्व के दृष्टिकोण और इसके अनुसररण में एससीओ की गतिविधियों पर महासचिव को जानकारी दी. महासचिव ने एससीओ को पाकिस्तान के लगातार समर्थन के लिए विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया और क्षेत्रीय सहयोग, संपर्क, शांति और समृद्धि को मजबूत करने की दिशा में उसके रचनात्मक योगदान की सराहना की. वहीं, बिलावल भुट्टो ने उज्बेक विदेश मंत्री बख्तियार सैदोव से भी मुलाकात की. दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने आर्थिक संबंधों और उन्नत क्षेत्रीय संपर्क पर विशेष ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय हित के मामलों पर चर्चा की.
गोवा में SCO बैठक का आज दूसरा दिन
गोवा में 4 और 5 मई को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है. शुक्रवार को इस बैठक का दूसरा दिन है. खास बात ये है कि इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी शामिल होंगे. इस बैठक में शामिल होने के लिए बिलावल भुट्टो गुरुवार को गोवा पहुंच गए थे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री का भारत आना अपने आप में काफी अहम है. 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आया है. भुट्टो से पहले 2011 में हिना रब्बानी खार भारत दौरे पर आई थीं. उन्होंने उस समय तब के भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से मुलाकात की थी.
बिना आतंकवाद पर चर्चा किए बिना पाक से कोई बात नहीं
वहीं, बिलावल भुट्टो के भारत पहुंचने पर कहा गया कि, वह सिर्फ इस बैठक में शामिल होंगे. भुट्टो और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बीच सीधी यानी द्विपक्षीय बातचीत नहीं होनी की बात कही गई थी.इसकी सबसे बड़ी वजह आतंकवाद है. भारत साफ कर चुका है कि आतंकवाद पर चर्चा किए बिना पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं हो सकती. हाल ही में जयशंकर डोमिनिकन रिपब्लिक के दौरे पर थे. उस समय उन्होंने कहा था कि भारत ने पिछले एक दशक में 'पड़ोसी पहले' की नीति अपनाई है, लेकिन पाकिस्तान इसका अपवाद है क्योंकि वो सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता है.
पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है SCO बैठक
वहीं, पाकिस्तान के नजरिए से देखें तो वह इस बैठक को नजरअंदाज नहीं कर सकता था. क्योंकि इस बैठक में चीन और रूस के विदेश मंत्री भी शामिल हो रहे हैं. पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में उसे रूस और चीन जैसे देशों की जरूरत है. इसके अलावा, ये भी माना जा रहा है कि SCO के सदस्य देश नहीं चाहते थे कि ये मंच भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी का शिकार बने. इसलिए बिलावल भुट्टो इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. सामने आया है कि गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ डिनर किया था, हालांकि इस दौरान भी किसी विशेष बातचीत की खबरें सामने नहीं आई हैं.