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SCO समिट का अचानक बदला कार्यक्रम? 4 जुलाई को 'वर्चुअली' जुड़ेंगे राष्ट्राध्यक्ष, PM मोदी करेंगे अध्यक्षता

एससीओ शिखर सम्मेलन को लेकर बड़ी खबर है. भारत ने 4 जुलाई को वर्चुअल रूप से एससीओ समिट की मेजबानी करने का फैसला किया है. यानी समिट में आने वाले राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि वर्चुअल रूप में शामिल होंगे. मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि समिट 'वर्चुअल रूप' में आयोजित किया जाएगा. मंत्रालय ने निर्णय के लिए कोई कारण नहीं बताया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2023,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

भारत इस साल शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 सितंबर 2022 को समरकंद शिखर सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता ग्रहण की है. एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई 2023 को वर्चुअल रूप से आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे. इस समिट में सभी एससीओ सदस्य शामिल होंगे.

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शिखर सम्मेलन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को ऑब्जर्वर स्टेट के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ की परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ बॉडी के दो प्रमुख- सचिवालय और एससीओ आरएटीएस भी उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है. इनमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, CIS, CSTO, EAEU और CICA का नाम शामिल है.

'2018 में पीएम मोदी ने दिया था नया मंत्र'

शिखर सम्मेलन का विषय 'एक सुरक्षित SCO की ओर' है. 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने SECURE नाम दिया था. उन्होंने कहा था कि सुरक्षा के लिए 6 कदम उठाने जरूरी हैं. इनमें अर्थव्यवस्था और व्यापार, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण शामिल थे. एससीओ की अध्यक्षता के दौरान इन विषयों पर प्रकाश डाला गया था.

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'भारत इस बार भी दिशा नई दिशा?'

भारत ने SCO की अध्यक्षता में सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए हैं- स्टार्टअप और इनोवेशन, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशन, युवा अधिकारिता, और साझा बौद्ध विरासत. इसके अलावा, भारत ने लोगों के बीच अधिक से अधिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है जो हमारे देशों के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत बंधनों का जश्न मनाते हैं. इनमें 2022-23 के लिए पहली बार एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी में आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं.

'सकरात्मक और रचनात्मक भूमिका निभा रहा भारत'

एससीओ की भारत की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच गहन गतिविधि और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग की अवधि रही है. भारत ने 14 मंत्रिस्तरीय बैठकों समेत कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है. भारत संगठन में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसकी अध्यक्षता के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की उम्मीद कर रहा है.

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वहीं, जानकारों का कहना है कि वर्चुअल रूप से बैठक आयोजित करने का विकल्प हमेशा टेबल पर था और सोमवार को अंतिम निर्णय लिया गया. हालांकि, चीन और रूस के नेताओं के सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने की उम्मीद है.

चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों में तनाव?

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की पहली यात्रा हो सकती है. इस समिट ने भारतीय प्रधानमंत्री और चीन और पाकिस्तान के नेताओं के बीच संभावित बैठकों के लिए मंच भी तैयार किया है. जिनके साथ फिलहाल भारत के संबंध तनावपूर्ण हैं. भारत और चीन के बीच वर्तमान में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक सैन्य गतिरोध देखने को मिल रहा है. करीब चार साल दोनों देशों के संबंध में गरमाहट है. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध भी प्रभावित हुए हैं. 

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