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ढीला हो गया था पेंच, महिला ने तेजी से सांस ली तो गले में जाकर फंस गई नोज पिन, करानी पड़ी सर्जरी

कोलकाता में एक महिला की नोज पिन उसकी सांस नली में जाकर फंस गई. जब महिला की हालत खराब होने लगी तो वह अस्पताल पहुंची. काफी इलाज के बाद भी आराम नहीं मिला तो सीटी स्कैन कराया, जिसमें नोज पिन फंसे होने का पता चला. इसके बाद डॉक्टरों ने पिन निकालने के लिए जटिल सर्जरी की.

महिला को करानी पड़ी सर्जरी. (Representational image) महिला को करानी पड़ी सर्जरी. (Representational image)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

कोलकाता में एक महिला के लिए नोज पिन (nose pin) आफत बन गई. दरअसल, सांस लेने के साथ ही नोज पिन महिला की नाक में अंदर चली गई थी. इसके बाद वह लंग्स में फंस गई थी. लंग्स में फंसी नोजपिन निकालने के लिए महिला को सर्जरी करवानी पड़ी. पीड़ित महिला 16-17 साल से नोज पिन पहन रही थी.

हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, पीड़ित महिला का नाम वर्षा साहू है. 35 साल की वर्षा ने बताया कि मुझे पता ही नहीं चला कि नोज पिन का पेंच ढीला हो गया है. यह घटना लगभग दो महीने पहले हुई थी. वर्षा ने बताया कि मैं बस बातें कर रही थी, उसी बीच जब एक गहरी सांस ली तो नोज पिन अंदर चली गई. वर्षा के दो बच्चे हैं.

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वर्षा ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि नोज पिन (nose pin) मेरी सांस नली में चला गया है. मुझे लगा कि पिन पेट में चला गया है. इसकी जानकारी मार्च में तब हुई, जब सांस लेने में दिक्कत होने लगी और इसी के साथ खांसी और निमोनिया की शिकायत हुई. इसके बाद डॉक्टर के पास गई. हालांकि दवा से राहत नहीं मिली तो वर्षा को पल्मोनोलॉजिस्ट से कंसल्ट करने पहुंची. इसके बाद सीटी स्कैन कराया तो लंग्स में पेंच फंसे होने का पता चला.

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इसके बाद लंग्स से पेंच निकालने के लिए कोलकाता के मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में सर्जरी की गई. पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. देबराज जश ने इस केस को बेहद दुर्लभ बताया. डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने कभी-कभी ऐसे मामले सामने आए हैं, जब सूखे मेवे या सुपारी लोगों के फेफड़ों में चली गई, लेकिन ऐसे ज्यादातर मामलों में छोटे बच्चे या 80 से ऊपर के बुजुर्ग होते हैं. 30 साल की महिला मरीज अपवाद है.

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वर्षा की सर्जरी के लिए डॉ. जश ने फ़ाइब्रोऑप्टिक ब्रोंकोस्कोप के साथ एक छोटा कैमरा सांस नली में डाला, लेकिन पेंच नहीं निकल सका. वर्षी इस सर्जरी को लेकर काफी डरी हुई थीं, इसके बाद पेशेंट की काउंसलिंग की. इसके बाद सर्जरी की प्रक्रिया 30 मिनट तक चली. सफल सर्जरी के बाद वर्षा को चार दिन बाद छुट्टी दे दी गई.

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