
प्रस्तावित दुनिया के सबसे लंबे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) हाईवे के ट्रायल का दूसरा फेस 9 सितंबर से होगा. ये ट्रायल दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर शुरू होगा. इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं. ट्रायल 30 दिन तक चलेगा. इसमें इलेक्ट्रिक कारें और बसें शामिल होंगी. इससे पहले दिसंबर 2020 में अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) परियोजना का पहला ट्रायल दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे पर किया गया था.
NHEV के परियोजना निदेशक अभिजीत सिन्हा ने कहा कि दिल्ली से आगरा तक चलाए गए पहले NHEV तकनीकी ट्रायल में बड़ी सफलता मिली और अच्छी प्रतिक्रियाएं आईं. उसके बाद दूसरे ट्रायल की तैयारी की जा रही है. अब 9 सितंबर से 8 अक्टूबर तक NHEV इंडिया गेट (दिल्ली) से अल्बर्ट हॉल संग्रहालय (जयपुर) तक भारत के सबसे लंबे ई-हाईवे पर तकनीकी ट्रायल किया जा रहा है.
AHVRM की 500 किमी लंबाई हो जाएगी
वर्तमान में जर्मनी के बर्लिन में 109 किलोमीटर सबसे लंबा ई-हाईवे है. हालांकि, आगे दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर हाईवे एक ई-हाईवे के रूप में विलय हो जाएंगे और दुनिया का सबसे लंबा ई-हाईवे हो जाएगा. इसका नाम बदलकर अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) कर दिया जाएगा. AHVRM की कुल लंबाई करीब 500 किलोमीटर होगी. दिल्ली-आगरा हिस्से का उद्घाटन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले होना था, लेकिन कोरोना की वजह से काम पूरा होने में देरी हुई, जिसके कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका.
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी फुल स्पीड से चलेगा
सिन्हा ने आगे कहा कि यह 30 दिवसीय ट्रायल रन एन्युइटी हाइब्रिड ई-मोबिलिटी (AHEM) का एक अत्याधुनिक मॉडल भी दिखाएगा, जो इसके पिछले दिल्ली-आगरा तकनीक ट्रायल रन से इसकी खोज को मान्यता देगा. इस हाईवे पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी रफ्तार से शुरू होगा.
हाईवे पर होंगे 12 चार्जिंग पॉइंट
उन्होंने कहा कि ट्रायल शुरू करने के लिए हमारे पास दोनों राजमार्गों पर 100 इलेक्ट्रिक कारें और 25 इलेक्ट्रिक बसें होंगी. कारें स्व-चालित (self driven) और चालक के साथ भी किराए पर लेने के लिए उपलब्ध होंगी. इसमें 12 चार्जिंग पॉइंट होंगे, जिनमें से दो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होंगे. यह दुनिया का सबसे लंबा इलेक्ट्रिक वाहन हाईवे होगा.
चार्जिंग के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं
उन्होंने बताया कि हाइवे चार्जिंग स्टेशन लाभदायक होंगे, जिनके लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी और निवेश (investment) का ब्रेक ईवन 36 महीने के भीतर होगा. उन्होंने कहा कि यह सबसे लाभदायक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोजेक्ट होगा. बता दें कि अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) परियोजना का नाम पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है.