
संसद की सुरक्षा में 13 दिसंबर को सेंध लग गई थी. दो युवक लोकसभा चेंबर में दर्शक दीर्घा से कूद गए थे. अब संसद भवन परिसर की व्यापक सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपने का फैसला लिया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि CISF एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) है, जो वर्तमान में परमाणु और एयरोस्पेस डोमेन, सिविल एयरपोर्ट और दिल्ली मेट्रो में प्रतिष्ठानों के अलावा दिल्ली में कई केंद्रीय सरकारी मंत्रालय भवनों की सुरक्षा करता है.
एजेंसी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद भवन परिसर के सर्वे का निर्देश दिया था, ताकि व्यापक पैटर्न पर CISF सुरक्षा और फायर विंग की तैनाती की जा सके. केंद्र सरकार के मंत्रालयों की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ की सरकारी भवन सुरक्षा (GBS) यूनिट से लिए गए विशेषज्ञ और वर्तमान संसद सुरक्षा टीम के अधिकारियों के साथ ही फायर कॉम्बैट और रेस्पॉन्स ऑफिसर इस सप्ताह के अंत में सर्वे शुरू करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि नए और पुराने दोनों संसद भवन परिसर और उनकी संबद्ध इमारतों को CISF के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा, जिसमें संसद सुरक्षा सेवा (PSS), दिल्ली पुलिस और संसद ड्यूटी समूह (PDG) के जवान भी तैनात रहेंगे.
बता दें कि 2001 के संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए. उन्होंने स्मोक कैन से लोकसभा के अंदर पीला धुआं छोड़ा और सांसदों द्वारा काबू किए जाने से पहले नारे लगाए. लगभग उसी समय दो अन्य लोगों ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए कनस्तरों से कलर स्प्रे किया था.
सीआरपीएफ महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक समिति संसद परिसर के समग्र सुरक्षा मुद्दों पर निगरानी कर रही है. यह सुधार के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को सिफारिशें करेगा.