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प्यार के चक्कर में सरहद पार कर अवैध रूप से भारत आने वाली पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और सचिन की कहानी दोनों देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. एक तरफ जहां सुरक्षा एजेंसियां सीमा हैदर के भारत आने की असली मंशा को जानने की कोशिश में जुटी हुई है वहीं दूसरी तरफ आजतक की टीम पाकिस्तान के जकोबाबाद में उस जगह पहुंची जहां से सीमा हैदर की ये कहानी शुरू हुई थी. इसी इलाके में सीमा हैदर का ससुराल है.
कराची से जकोबाबाद पहुंचने में आजतक की टीम को करीब 10 घंटे लगे. आजतक की टीम वहां ये पड़ताल करने पहुंची की सीमा भारत में जो कहानी लोगों को सुना रही है उसमें कितनी सच्चाई है. सीमा हैदर का गांव जकोबाबाद शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर है.
जब हम वहां तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे तो अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने ये भी बताया कि भारी बारिश के कारण गांव "लाल खां झकरानी" मुख्य सड़क से कट गया है, लेकिन सीमा की सच्चाई जानने के लिए आजतक की टीम बड़ी मुश्किलों से उस गांव तक पहुंच गई. इस गांव में लगभग 100 परिवार रहते हैं. यहां पहुंचने के बाद आज तक की टीम ने सीमा हैदर के ससुर अमीर जान से मुलाकात की.
ससुर ने लगाए गंभीर आरोप
अमीर जान के मुताबिक सीमा हैदर उनके बेटे गुलाम हैदर से शादी करने के बाद कुछ दिनों तक इसी गांव में रही. उन्होंने खुलासा किया कि सीमा पिछले नौ साल में दो बार ही गांव आई थीं. ससुर ने बताया कि सीमा ने कभी उनसे फोन पर बात नहीं की. ससुराल वालों और "सीमा हैदर" के बीच रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे.
अमीर जान ने कहा कि गुलाम हैदर ने उन्हें बताया कि सीमा नेपाल के जरिए भारत के लिए रवाना हो गई है. उसके बाद मैं कराची गया और उसे ढूंढने की कोशिश की लेकिन वो वहां नहीं थी. सीमा हैदर के ससुर ने कहा मीडिया के जरिए हमें पता चला कि वह भारत पहुंच चुकी है.
उन्होंने कहा, मैं पाकिस्तान और भारत दोनों की सरकारों से अपील करता हूं कि कृपया हमारे पोते-पोतियों और सीमा को पाकिस्तान वापस लाएं, वह हमारे पोते-पोतियों का भविष्य खुद तय नहीं कर सकती.
पड़ोसियों ने कहा- गांव को शर्मसार किया
जैसे ही आजतक की टीम को लोगों ने गांव में देखा तो सीमा के रिश्तेदार और पड़ोसी वहां जुट गए. रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सीमा ने उन्हें और उनके गांव को शर्मसार किया है.
वहीं सीमा के पड़ोसी ने कहा, हमारे गांव में एक भी महिला के पास मोबाइल नहीं है और वह उसे चलाना नहीं जानती, जब सीमा की शादी हुई तो वो इस गांव में रहती थी. उसके पास सेल फोन नहीं था लेकिन जब वह कराची के लिए रवाना हुईं तो उसने डांस करना समेत हर चीज सीख ली, अब हमें सोशल मीडिया से उनके हर बुरे काम के बारे में पता चल रहा है.
वहीं एक अन्य शख्स ने कहा, वह हमारी जनजाति से नहीं थी, हम उससे कभी नहीं मिले. गुलाम हैदर जब भी गांव आता था तो अपनी पत्नी और उसके बच्चों की फोटो दिखाता था. इस तरह हम उसका चेहरा जानते हैं.
(इनपुट - समीर मंडारू, तल्हा सैयद)