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समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आरके चौधरी ने स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी है और संसद में लगे सेंगोल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने स्पीकर से सेंगोल को हटाने की मांग की है. बीते दिन संसद में सांसद के तौर पर शपथ लेने के दौरान उनकी नजर सेंगोल पर पड़ी थी. बाद में उन्होंने स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि सेंगोल राजा महाराजाओं का प्रतीक है.
आरके चौधरी मोहनलालगंज सीट से सपा के सांसद हैं. उन्होंने कहा कि सेंगोल की जगह संसद में संविधान की एक विशाल प्रति लगाई जानी चाहिए. सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद विरोध दर्ज कराते हुए चौधरी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को चिट्ठी लिखा था, जिसमें स्पीकर की कुर्सी के बगल में सेंगोल की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे.
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संसद राजा या राजघराने का महल नहीं- सपा सांसद
सपा सांसद ने अपनी चिट्ठी में कहा, "आज, मैंने इस सम्माननीय सदन में शपथ ली कि 'मैं कानून द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा' लेकिन मैं सदन की कुर्सी के दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया. महोदय, हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है."
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संसद भवन के उद्घाटन पर स्थापित किया गया था सेंगोल
सांसद आरके चौधरी ने आगे कहा, "मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए." गौरतलब है कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में संसद भवन के भीतर स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल स्थापित किया गया था. सेंगोल को तमिलनाडु की एक मंदिर से लाया गया था और इसे बड़े ही धूमधाम से स्थापित किया गया था. अब सपा सांसद ने इसपर सवाल खड़े कर दिए हैं.