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US से कच्चा माल मंगाने में मुश्किलें, सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को लिखी चिट्ठी

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को अमेरिका से कच्चा माल आयात करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST
  • SII ने केंद्र को लिखी चिट्ठी
  • आयात को सुगम बनाने की मांग

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को अमेरिका से कच्चा माल आयात करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि कोविड टीकों का निर्बाध निर्माण और आपूर्ति जारी रहे.

वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से भेजी गई चिट्ठी में कहा गया कि अमेरिकी सरकार ने रक्षा उत्पादन अधिनियम लागू किया है, जिसके कारण फर्म को आयात करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें सेल कल्चर मेडिसिन, कच्चा माल और कुछ विशेष रसायन शामिल हैं.

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सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि उसके द्वारा निर्मित कोविशिल्ड वैक्सीन भारत और दुनिया भर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है और लाखों लोगों को इसका टीका लगाया गया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि हम विभिन्न संस्थानों यानी नोवावैक्स (यूएस), कोडेगेनिक्स (यूएस) आदि के साथ तकनीकी सहयोग से कई अन्य कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहा हैं, जिसके लिए यह कई आवश्यक उत्पादों जैसे कच्चे माल, उपभोग्य सामग्रियों के आयात की जरूरत होती है.

सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, 'रक्षा उत्पादन अधिनियम के माध्यम से अमेरिकी सरकार ने दो प्राथमिकता प्रणालियों, रक्षा प्राथमिकताओं और आवंटन प्रणाली कार्यक्रम (डीपीएएस) और स्वास्थ्य संसाधन प्राथमिकता और आवंटन प्रणाली (एचआरपीएएस) की स्थापना की है. एचआरपीएएस के दो प्रमुख घटक (प्राथमिकताएं और आवंटन) हैं. प्राथमिकता घटक के तहत टीके के उत्पादन के लिए आवश्यक औद्योगिक संसाधनों के उत्पादन या वितरण के लिए सरकारी और निजी इकाइयों के बीच या निजी पक्षों के बीच कुछ अनुबंधों को अन्य अनुबंधों पर प्राथमिकता दी जाएगी.'

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सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, 'पूरी दुनिया में महामारी को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन के निर्माण की जरूरत है, लेकिन अगर हम अमेरिका से इन आवश्यक उत्पादों की समय पर आपूर्ति नहीं पाते हैं, तो कोरोना टीकों के विनिर्माण में कमी आएगी, क्योंकि इनका निर्माण इन कच्चे माल, उपभोग्य सामग्रियों और घटकों आदि की निर्बाध आपूर्ति पर निर्भर करता है.

 

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