
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने असम के मुख्यमंत्री ऑफिस पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों को सीएम राहत कोष से अवैध रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया है.
एसएफआई ने आरएसएस से संबद्ध विद्या भारती स्कूलों के शिक्षकों को पूरी तरह से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली असम सरकार की भी आलोचना की, जिन्हें असम में शंकरदेव शिशु निकेतन के नाम से जाना जाता है.
एसएफआई की असम राज्य समिति के नेताओं ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली असम सरकार ने शंकरदेव शिशु निकेतन में काम करने वाले शिक्षकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करके भेदभावपूर्ण रुख अपनाया है. आरएसएस की ओर से संचालित विद्या भारती एक निजी शैक्षणिक संगठन है.
भेदभावपूर्ण और राजनीति से प्रेरितः SFI
एसएफआई की असम इकाई के महासचिव निरंगकुश नाथ ने कहा कि इस कोविड-19 महामारी के दौर में राज्य के अलग-अलग वर्गों के लोगों को अनियोजित लॉकडाउन की वजह से गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से निजी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों पर भी प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में अन्य निजी स्कूल के शिक्षकों को वंचित करना भेदभावपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है.
क्लिक करें - असम में विपक्षी 'महागठबंधन' में टूट, अजमल की AIUDF और BPF से अलग हो रही कांग्रेस!
उन्होंने आगे कहा कि एसएफआई असम राज्य समिति ने इस पक्षपातपूर्ण कृत्य की निंदा की है और समिति ने कल्याण के उद्देश्य से संचालित निजी स्कूलों के साथ-साथ अन्य स्कूलों में काम करने वाले सभी शिक्षकों को एकमुश्त वित्तीय सहायता के आवंटन की मांग की है.
एसएफआई की असम इकाई के नेताओं (राज्य महासचिव निरंगकुश नाथ, राज्य उपाध्यक्ष प्रतुल बर्मन और राज्य सचिवालय सदस्य कल्याण बुरागोहेन) ने आगे कहा कि असम में बीजेपी शासन की शुरुआत के बाद से, सरकार शंकरदेव शिशु निकेतन के तहत पक्षपाती रही है. विद्या भारती आरएसएस द्वारा संचालित एक संस्था है.
एसएफआई नेता ने कहा कि पहले भी पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर हिमंत बिस्वा शर्मा ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए शंकरदेव शिशु निकेतन को वित्तीय अनुदान प्रदान किया था. इसी तरह की पूर्वाग्रही कार्रवाई की पुनरावृत्ति एक बार फिर से देखी गई.
एसएफआई असम इकाई ने कहा कि एसएफआई असम के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने 28 अगस्त को असम के शिक्षा मंत्री डॉक्टर रोनोज पेगू के साथ बैठक की और पूछा कि क्या निजी स्कूल के शिक्षकों को शिक्षा विभाग की ओर से कोई वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिस पर उन्होंने बताया कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया.