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शहीद दिवस: भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु को याद कर रहा देश, पीएम मोदी-शाह ने किया नमन

आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था. शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई बड़े नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है.

शहीद दिवस पर पीएम मोदी ने किया नमन (फाइल फोटो) शहीद दिवस पर पीएम मोदी ने किया नमन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST
  • शहीद दिवस पर भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु को सलाम
  • पीएम मोदी, अमित शाह ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

आज शहीद दिवस है और देश अपने वीर जवानों को नमन कर रहा है. आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था. शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई बड़े नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन. मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा, जय हिंद! #ShaheedDiwas

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अमित शाह और जेपी नड्डा ने भी किया नमन
पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि स्वतंत्रता के इतिहास में शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की वीरता व योगदान को शब्दों में वर्णित करना सम्भव नहीं है. देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने की उनकी तड़प और बलिदान को याद कर आज भी हर भारतवासी की आंखें नम हो जाती हैं, ऐसे वीर बलिदानियों के चरणों में कोटिशः नमन.
 

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मंगलवार को शहीद दिवस के मौके पर ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि भारत मां के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. मां भारती के इन वीर सपूतों की शहादत ने करोड़ों युवाओं को स्वाधीनता आंदोलन के लिए प्रेरित किया, इनका सर्वोच्च बलिदान भारतीय इतिहास में सदैव अमर रहेगा.

बता दें कि आजादी की लड़ाई के वक्त जब ‘पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’  के खिलाफ भगत सिंह और उनके साथियों ने असेंबली में बम फेंके थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसी आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई गई और तय वक्त से एक दिन पहले 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी. 

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