
पंजाब सरकार 19 मार्च को अचानक किसानों पर सख्त होती नजर आई. शंभू-खनौरी बार्डर पर एक साल से ज्यादा समय से चल रहे आंदोलन पर पंजाब पुलिस एक्शन में आ गई और किसानों के अड्डों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया. ये एक्शन तब हुआ जब केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और किसान संगठनों के बीच चंडीगढ़ में सातवें दौर की बातचीत हुई. इसके तत्काल बाद पंजाब सरकार ने संगठन के प्रमुख किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटडा और अन्य को हिरासत में ले लिया. अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को घनास्थल से जालंधर अस्पताल ले जाया गया.
किसान संगठनों की सरकार से बातचीत के तुरंत बाद एक्शन
मीटिंग में बातचीत के लिए अगला दौर 4 मई को रखने की बात कही गई लेकिन इससे पहले ही पंजाब सरकार एक्टिव मोड में नजर आई और एकाएक किसान नेताओं को हिरासत में लेना शुरू किया और किसानों को अड्डों को खदेड़ दिया गया. 13 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को खोलना शुरू किया गया. अब यहां से आंदोलन कर रहे किसानों को हटाया दिया गया है.
किसान के अड्डों पर चला बुलडोजर, हिरासत में 700 से ज्यादा किसान
पंजाब में बुलडोजर से किसानों के बनाए शेड भी तोड़ दिए गए. पहले किसान नेता सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में लिया. उसके बाद पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बार्डर खाली करा दिया. शंभू और खनौरी बार्डर पर कई घंटे तक पंजाब पुलिस का ऑपरेशन चला. इसमें 700 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद रात को हरियाणा की तरफ लगी सीमेंट की बैरिकेडिंग को भी हटाने का काम शुरू कर दिया गया. हरियाणा पुलिस ने किसानों की आवाजाही को रोकने के लिए हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर लगाए गए कंक्रीट बैरिकेड्स को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया.
मैदान में उतरे कई बुलडोजर, हरियाणा सरकार ने भी लिया एक्शन
बता दें कि मान सरकार एक साल बाद एक्शन में आई और किसानों के टेंटों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया. दो बॉर्डर पर एक्शन हुआ और इसके लिए एक नहीं बल्कि कई बुलडोजर मैदान में उतरे और एक-एक करके किसानों के अस्थाई टेंटों को गिरा दिया गया. कई घंटे तक ये बुलडोजर एक्शन चलता रहा. किसान अचानक हुई इस कार्रवाई से हैरान थे. बिना किसी चेतावनी या नोटिस के पंजाब सरकार ने अचानक किसानों को खदेड़ना शुरू कर दिया. एक साथ शंभू और खनौरी बार्डर पर पंजाब पुलिस ने किसानों पर धावा बोल दिया.
जब डल्लेवाल को हिरासत में लेने पहुंची पुलिस...
इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जब हिरासत में लिया जाने लगा तो पंजाब पुलिस की किसानों के साथ अच्छी खासी झड़प हो गई. किसानों ने पुलिस को रोकने की पूरी कोशिश की. काफी देर तक टकराव के हालात बने रहे लेकिन पुलिस ने आखिर डल्लेवाल को हिरासत में ले लिया और धरना स्थल से दूर ले गई. उधर खनौरी बार्डर पर भी अचानक एक्शन हुआ. रात के अंधेरे में पुलिस ने एक एक किसान को धरनास्थल से हटा दिया. शंभू बार्डर के मुकाबले यहां पुलिस को कुछ खास विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. खनौरी बार्डर पर चार हजार पुलिस वाले एक्शन के लिए पहुंचे थे.
आखिर क्यों अचानक एक्शन में आई सरकार?
अब यहां दो से तीन दिन पुलिस की तैनाती रहेगी. नाराज किसानों ने दिल्ली-अमृतसर हाइवे पर टोल प्लाजा को जाम कर दिया. सरवन सिंह पंधेर और दूसरे किसान नेताओं को बहादुरगढ़ में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर लाया गया है. आरोप लग रहे हैं कि कारोबारियों की मांग पर पंजाब पुलिस एक्शन में आई और हाइवे को खोला गया है. हालांकि इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है. सारी विरोधी पार्टियों ने एक साथ मिलकर आप सरकार की घेराबंदी की है. बीजेपी का आरोप है कि केंद्र के साथ बातचीत सफल ना हो जाए, इस डर से एक्शन हुआ है. आप ने जवाबी दलील दी कि हाइवे रुकने से राज्य की तरक्की रुक रही थी.