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किसान नेता डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, केंद्र और पंजाब सरकार को दिए सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन और स्वास्थ्य पर गहरी चिंता जताई. कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को तुरंत मेडिकल सुविधा देने और किसान नेताओं से बातचीत करने के निर्देश दिए.

जगजीत सिंह डल्‍लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. (फाइल फोटो) जगजीत सिंह डल्‍लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. (फाइल फोटो)
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर गहरी चिंता जताई, जो 26 नवंबर से शंभू बॉर्डर पर अनशन पर हैं. यह बॉर्डर पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित है, जहां किसान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए, लेकिन उन्हें जबरदस्ती अनशन तोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए.

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कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा, 'डल्लेवाल की जान आंदोलन से ज्यादा कीमती है. उनकी सेहत को बिगड़ने से रोकना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए.'  

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हाई पावर कमेटी को जिम्मेदारी
  
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी बनाई हाई पावर कमेटी को भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा. कमेटी को किसानों को समझाने का जिम्मा दिया गया है कि या तो प्रदर्शन स्थल को अस्थायी रूप से कहीं और शिफ्ट किया जाए या कुछ समय के लिए आंदोलन को रोक दिया जाए ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए खोला जा सके.  

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'सख्त मौसम को देखते हुए आंदोलन को रोकने या स्थान बदलने पर विचार करें. कमेटी को काम करने दें, और अगर समस्या का समाधान न निकले तो प्रदर्शन फिर शुरू किया जा सकता है.' सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कमेटी के इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे किसानों से बातचीत करेंगे और डल्लेवाल को हरसंभव मेडिकल सुविधा मुहैया कराएंगे.  

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कोर्ट का विस्तृत आदेश
  
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'पंजाब और केंद्र सरकार का यह कर्तव्य है कि वे डल्लेवाल को तुरंत, पर्याप्त और शांतिपूर्ण तरीके से मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराएं. लेकिन उनकी सहमति के बिना उन्हें अनशन तोड़ने के लिए मजबूर न करें, जब तक कि उनकी जान बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी न हो.'  

कोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि तुरंत डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से मिलें और उन्हें समझाएं कि उनकी जान बचाना सबसे जरूरी है.  

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अगली सुनवाई 17 दिसंबर को
  
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की है. यह मामला हरियाणा सरकार की उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ अपील की गई थी. शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन से यातायात में बाधा आ रही है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है.

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