
NCP चीफ शरद पवार एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी के साथ दिखे हैं. वह एक इवेंट में पहुंचे थे, जहां उद्घाटन समारोह जैसे दिख रहे इस आयोजन में वह अडानी के साथ रिबन काटते दिख रहे हैं. उनकी ये तस्वीर अगले ही पल सोशल मीडिया पर तैरने लगी और सियासत की गली में फिर से कई सवालिया निशान उभर कर आने लगे. ये निशान अभी-अभी बने I.N.D.I.A गठबंधन के साथ जा लगे. अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर शरद पवार बार-बार अडानी से क्यों मिल रहे हैं.
सीएम हिमंता और अमित मालवीय ने उठाए सवाल
इस तस्वीर को लेकर अमित मालवीय ने X पर लिखा, 'राहुल गांधी और शरद पवार के बीच दरार इससे अधिक स्पष्ट नहीं हो सकती. I.N.D.I.A. गठबंधन कई मोर्चों पर टूट रहा है. वहीं, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस तस्वीर पर सवाल उठाते हुए कहा कि, आखिर राहुल गांधी चुप क्यों हैं, जब शरद पवार बार-बार अडानी से मिलते हैं. उन्होंने कहा कि, जब शरद पवार एक कार्यक्रम में अडानी के साथ देखे गए तो राहुल गांधी और कांग्रेस चुप क्यों हैं? यह सुविधा की राजनीति है, ब्लैकमेलिंग है.'
राहुल गांधी, अडानी को लेकर उठाते रहे हैं सवाल
असल में राहुल गांधी, कई बार सीधे तौर पर अडानी और पीएम मोदी के बीच संबंधों को लेकर सवाल उठा चुके हैं, खास तौर पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद वह इसे लेकर कई बार बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं, लेकिन शरद पवार कई दफा राहुल गांधी के इन हमलों को हल्का कर चुके हैं. यह पहली बार नहीं है कि एनसीपी चीफ शरद पवार, उद्योगपति गौतम अडानी के साथ देखे गए हैं. बल्कि इससे पहले खुद अडानी भी शरद पवार के घर सिल्वर ओक में जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं.
अहमदाबाद में हुई थी पवार-अडानी की मुलाकात
एनसीपी चीफ शरद पवार और कारोबारी गौतम अडानी की मुलाकात शनिवार 23 सितंबर को अहमदाबाद में हुई थी. मौका था भारत के पहले लैक्टोफेरिन प्लांट के उद्घाटन का, इसके बाद शरद पवार गौतम अडानी के घर और ऑफिस भी गए. शरद पवार ने एक्स पर लिखा, ' गौतम अडानी के साथ गुजरात के वासना, चाचरवाड़ी में भारत के पहले लैक्टोफेरिन प्लांट एक्सिमपॉवर का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात थी.'
विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में आयोजक थे पवार
बड़ी बात यह है कि विपक्षी दलों का 'इंडिया' गठबंधन हिंडनबर्ग-अडानी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की लगातार मांग उठाता रहा है. अडानी और पवार की ये मुलाकात तब और महत्वपूर्ण हो जाती है, जब विपक्षी गठबंधन बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर लोकसभा चुनाव 2024 में उतरने की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार अडानी की खिलाफत करते रहे हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के बड़े नेताओं में से एक हैं और मुंबई में हुई पिछली बैठक के आयोजक भी थे.
यह भी पढ़ेंः बगावत के 43 दिन, अजित पवार से 4 मुलाकातें... आखिर शरद पवार के मन में क्या चल रहा है?
शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
शरद पवार ने जब अपनी और अडानी की तस्वीरें X पर पोस्ट की बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये तस्वीर, हजार शब्द बोल रही है, लेकिन तब ही जब राहुल गांधी इसे सुनना चाहें. पूनावाला ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में राहुल गांधी को कोई गंभीरता से नहीं लेता है.
गठबंधन के उसूलों से उलट क्यों चलते हैं शरद
ये पहली दफा नहीं है, जब शरद पवार गठबंधन के उसूलों से उलट चलते दिखे हों. अडानी से ही वह जून और अप्रैल में दो बार मुलाकात कर चुके हैं. 2 जून को एनसीपी चीफ शरद पवार ने अडानी से मुलाकात की थी, इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में तमाम चर्चाएं शुरू हो गईं थी. इससे पहले अडानी और पवार के बीच अप्रैल में भी मुलाकात हुई थी.
वैसे यह पहली बार नहीं है कि एनसीपी चीफ शरद पवार विपक्ष और विपक्षी एकता के मुद्दों से किनारा करते आए हैं या फिर उस लीक से ही अलग हट गए हैं, जिस पर पार्टी या गठबंधन का एजेंडा सेट होता रहा है. वह पहले भी डिग्री मामले, जेपीसी जांच, सावरकर मसले पर अपनी अलग राय रखते रहे है. अडानी से मुलाकात के अलावा शरद पवार और अजित पवार की बार-बार मुलाकात भी इंडिया गठबंधन के लिए खतरे की घंटी की तरह लगती रही है. बीते दिनों जब शरद पवार ने तिलक ट्रस्ट के कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया था तो उनका यह कदम भी पार्टी लाइन से अलग माना गया था.
डिग्री मामले पर शरद पवार की अलग राय
बात करें पीएम मोदी की डिग्री की तो इसे आम आदमी पार्टी और शिवसेना के उद्धव गुट ने फिर से उछाला था. कांग्रेस का इस मुद्दे पर मौन समर्थन था, लेकिन शरद पवार ने इस मसले पर दो टूक कह दिया कि 'केंद्र सरकार को बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, महंगाई जैसे मुद्दों पर घेरा जाना चाहिए या फिर जो अन्य अहम मुद्दे हैं, उन पर बात होनी चाहिए. उन्होंने पीएम की डिग्री वाले मुद्दे को सिरे से खारिज कर दिया था.
यह भी पढ़िएः विपक्षी एकता की राह से फिर अलग चले शरद पवार! पीएम मोदी के साथ साझा करेंगे मंच
जेपीसी जांच की मांग से किया किनारा
शरद पवार की अडानी मुद्दे पर विपक्ष से अलग राय रही थी. सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. राहुल गांधी भी लगातार सदन के अंदर और बाहर से इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आए, लेकिन शरद पवार ने इस मुद्दे पर अलग स्टैंड लिया. शरद पवार ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ''इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था.
लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.'' पवार ने अडानी मसले पर JPC की मांग को झटका देते हुए कहा था कि ये निष्पक्ष नहीं होगा क्योंकि 21 में 15 सदस्य सत्ता पक्ष के होंगे.
तिलक ट्रस्ट के कार्यक्रम में शामिल हुए थे पवार, कांग्रेस थी नाखुश
तिलक स्मारक के पुरस्कार समारोह में शरद पवार के शामिल होने को भी विपक्षी एकता की विचारधारा से अलग चाल के तौर पर देखा गया था. शरद पवार ताजा बने I.N.D.I.A संगठन की मूल भावना से परे जाकर उस समारोह का हिस्सा बने थे. जिसमें पीएम मोदी को सम्मानित किया गया था. ऐसे में शरद पवार का क्या रुख है, और उनका इस कार्यक्रम में शामिल होने का मकसद क्या था, इसे लेकर जहां उनके विचार कोई समझ नहीं पाया तो वहीं, उनके इस फैसले से कांग्रेस नाराज थी. इसके साथ ही इस कदम को विपक्षी एकता की दरार के तौर पर देखा गया था.