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'देशहित में बोला था...', शशि थरूर ने बताया क्यों की पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की तारीफ

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कूटनीतिक मुद्दों पर चर्चा की पारदर्शिता जरूरी है. हालांकि इस यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे रह गए, जैसे अवैध प्रवासियों की वापसी का मामला. उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष में स्वस्थ संवाद ज़रूरी है.

पीएम मोदी और कांग्रेस नेता शशि थरूर (फाइल फोटो- PTI) पीएम मोदी और कांग्रेस नेता शशि थरूर (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा की सराहना राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए की है, न कि किसी दलगत राजनीति के आधार पर. शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के कुछ महत्वपूर्ण परिणाम देश के लोगों के लिए अच्छे हैं. और मुझे लगता है कि इसमें कुछ सकारात्मक हासिल हुआ है, मैं एक भारतीय के रूप में इसकी सराहना करता हूं. इस मामले में मैंने पूरी तरह से राष्ट्रीय हित में बात की है. 

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कांग्रेस नेता ने कहा कि हम हमेशा सिर्फ पार्टी हित को लेकर बात नहीं कर सकते. मैं पार्टी प्रवक्ता नहीं हूं, मैं तिरुवनंतपुरम के लोगों द्वारा चुना गया एक सांसद हूं और इस आधार पर मैं भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक के रूप में बोलता हूं. सरकार अगर अच्छा काम करती है, तो उसकी प्रशंसा होनी चाहिए, गलत करती है तो आलोचना भी होगी. लोकतंत्र में स्वस्थ आलोचना और सराहना, दोनों की जगह होनी चाहिए.

शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा की प्रशंसा करते हुए कहा था कि इस दौरान कई प्रमुख समस्याओं का समाधान किया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसके नतीजे बहुत अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई जल्दबाजी में निर्णय लिया जाता, तो हमारे निर्यात पर असर पड़ सकता था. इस यात्रा के बाद अब बातचीत और समझौते के लिए समय मिल गया है, जो एक सकारात्मक परिणाम है. 

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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कूटनीतिक मुद्दों पर चर्चा की पारदर्शिता जरूरी है. हालांकि इस यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे रह गए, जैसे अवैध प्रवासियों की वापसी का मामला. उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष में स्वस्थ संवाद ज़रूरी है. विपक्ष को यह नहीं मान लेना चाहिए कि सरकार की हर बात गलत है, और सरकार को भी विपक्ष की हर बात को खारिज नहीं करना चाहिए. लोकतंत्र में संवाद, सहमति और आलोचना तीनों आवश्यक हैं.

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