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शशि थरूर का सुझाव... दिल्ली से बदली जाए भारत की राजधानी! इंडोनेशिया कर चुका है ये पहल

तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक X पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. थरूर ने अपने पोस्ट में गंभीर प्रदूषण का हवाला देते हुए सवाल उठाया था कि क्या दिल्ली को भारत की राजधानी बना रहना चाहिए. कई यूजर्स ने देश की राजधानी दिल्ली से चेन्नई या हैदराबाद जैसे शहरों में से किसी एक में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया, जहां हवा काफी साफ है.

 धुंध के आगोश में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और भारत की राजधानी दिल्ली. (Photo: Reuters/PTI) धुंध के आगोश में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और भारत की राजधानी दिल्ली. (Photo: Reuters/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण बेहद गंभीर स्तर तक पहुंचने पर मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सवाल किया, 'क्या दिल्ली अब भी भारत की राष्ट्रीय राजधानी बनने लायक है?' तिरुवनंतपुरम सांसद के इस X पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी. कई यूजर्स ने देश की राजधानी दिल्ली से चेन्नई या हैदराबाद जैसे शहरों में से किसी एक में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया, जहां हवा काफी साफ है. 

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ऐसा नहीं है कि किसी देश ने इससे पहले अपनी देश की राजधानी बदली ना हो. इंडोनेशिया ने 2022 में, पर्यावरणीय चुनौतियों और जलवायु चिंताओं के कारण अपनी राजधानी को जकार्ता से, नुसंतारा में स्थानांतरित करने का कानून पारित किया. बता दें कि इंडोनेशिया भी अपनी खराब वायु गुणवत्ता के लिए कुख्यात है. जकार्ता से लगभग 1000 किमी की दूरी पर स्थित इंडोनेशिया की नई कैपिटल सिटी अब भी निर्माणाधीन है और 2045 तक जकार्ता से पूरी तरह नुसंतारा शिफ्ट होने की उम्मीद है. 

नई राजधानी के निर्माण पर राष्ट्रपति जोको विडोडो की सरकार ने 35 अरब डॉलर यानी 2.905 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया है. जकार्ता से 2045 तक नुसंतारा में 1.9 मिलियन लोगों के शिफ्ट होने की भी उम्मीद है.

इंडोनेशिया जकार्ता से क्यों शिफ्ट कर रहा अपनी राजधानी?

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दिल्ली की तरह, जकार्ता भी साल-दर-साल खराब होती वायु गुणवत्ता से त्रस्त है. यह शहर लगभग 10 मिलियन (1 करोड़) लोगों का घर है. मई से अगस्त तक, हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रहती है. इस दौरान जकार्ता के अस्पताल सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित रोगियों से भर जाते हैं. 2023 में हर महीने ऐसे एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए. जकार्ता पोस्ट की एक रिपोर्ट में खतरनाक प्रदूषण स्तर को स्टंटिंग से पीड़ित शिशुओं और नवजात शिशुओं की मृत्यु से भी जोड़ा गया है. 

वास्तव में, 2023 में, जकार्ता मई के बाद से लगातार विश्व स्तर पर 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से एक रहा है. कई हफ्तों तक सार्वजनिक कार्यक्रमों में राष्ट्रपति के खांसने के दृश्यों ने भी लोगों का ध्यान खींचा है. हालांकि, राजधानी को नुसंतारा स्थानांतरित करने के कदम के पीछे सबसे बड़ा तर्क यह है कि जकार्ता तेजी से डूब रहा है. इंडोनेशियाई शहर जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के बढ़ते जलस्तर और भूमि धंसने (Subsidence) के खतरे का सामना कर रहा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्र का जलस्तर इसी तेजी से बढ़ता रहा और भूमि का धंसना जारी रहा तो 2050 तक जकार्ता का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो सकता है. उत्तरी जकार्ता में कई कमर्शियल और रेजिडेंशियल इलाके, पहले ही जलमग्न हो गए हैं. 

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इंडोनेशिया की नई राजधानी कैसी दिखेगी?

हालांकि, नए सिरे से नई राजधानी बनाना बहुत मुश्किल काम है, जिसमें सरकारी भवन और आवासीय भवनों का निर्माण शामिल होता है. इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए इंडोनेशियाई सरकार ने शुरुआत में 15 लाख से अधिक सिविल सेवकों को जकार्ता से नुसंतारा ​शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. एपी ने नुसंतारा राष्ट्रीय राजधानी प्राधिकरण के प्रमुख बंबांग सुसांतोनो के हवाले से बताया, 'भविष्य में जकार्ता जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए, नई राजधानी को 'फॉरेस्ट सिटी' कॉन्सेप्ट में बसाया जा रहा है, जिसका 65% एरिया हरित क्षेत्र होगा यानी पेड़-पौधों और वनस्पतियों से घिरा होगा.'

इसके अलावा, नुसंतारा 100% रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाएगा. सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि नए शहर को पूरी तरह से ग्रीन ​एनर्जी बेस्ड बनाना आसान रहेगा. पूरा निर्माण देश की सौवीं वर्षगांठ के अवसर पर 2045 तक पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि, सरकार को क्लाइमेंट एक्टिविस्ट्स की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि नुसंतारा को नई राजधानी बनाने से, उसके पास स्थित बोर्नियो आइलैंड की इकोलॉजी प्रभावित होगी. यह आइलैंड अपने समुद्र तटों और वर्षावनों के लिए जाना जाता है. यहां बड़े पैमाने पर वन्यजीव रहते हैं. विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि जकार्ता के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को, जिनके पास नई राजधानी में शिफ्ट होने के लिए संसाधन नहीं हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. 

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दिल्ली में प्रदूषण पर क्या बोले शशि थरूर?

शशि थरूर ने मंगलवार को दिल्ली में एक्यूआई 490 अंकों के पार पहुंचने पर एक तीखे X  पोस्ट में कहा, 'दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 4 गुना अधिक है. यहां की हवा दुनिया के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना खराब है. यह नवंबर से जनवरी तक रहने लायक नहीं रहती. गाड़ियों के धुएं और पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. साल के बाकी महीनों में भी यह रहने योग्य नहीं रहती. क्या इसे देश की राजधानी बना भी रहना चाहिए?' बता दें कि शशि थरूर का यह पोस्ट संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से कुछ दिन पहले आया है, जब देश भर के सांसद दिल्ली में जुटेंगे.

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