
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा अन्य पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जब किसी पार्टी का नेता भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद बीजेपी में शामिल हो जाता है तो उसके खिलाफ जांच बंद कर दी जाती है. उन्होंने एक लिस्ट साझा कर ऐसे नेताओं के नाम बताए. थरूर ने केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद नारायण राणे, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, लोकसभा सांसद भावना गवली, शिवसेना नेता यशवंत जाधव, यामिनी जाधव विधायक प्रताप सरनाईक के नाम लिए.
महाराष्ट्र के जाने-माने नेता नारायण राणे पहले महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की स्थापना से पहले शिवसेना और कांग्रेस से जुड़े थे. उन पर एक बिल्डर कैलाश अग्रवाल, मालिक अविघना समूह के साथ 300 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा था. थरूर ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ जांच बंद हो गई.
2016 में किरीट सोमैया ने नारायण राणे की कई कंपनियों में अनियमितताओं के बारे में ईडी से शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि राणे ने कैलाश अग्रवाल द्वारा अविघना पार्क बनाने के लिए टैक्स हेवन से पैसा डायवर्ट किया था.
राणे ने 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और 2019 में भाजपा में विलय से पहले महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम से एक संगठन बनाया. पत्रकार से कार्यकर्ता बने केतन तिरोडकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट में उनके खिलाफ एक आपराधिक याचिका दायर की तो जांच रुक गई. याचिका में राणे और उनके सहयोगी अविग्ना समूह के प्रमुख कैलाश अग्रवाल के खिलाफ करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को फिर से खोलने की मांग की गई.
तिरोडकर ने अपनी याचिका में दावा किया है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय को अविघना समूह के मालिक कैलाश अग्रवाल और नीलम होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच रोकने का निर्देश दिया था. ईडी उनके मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा था. शशि थरूर ने शिंदे खेमे के नेताओं की लिस्ट में यशवंत जाधव, यामिनी जाधव और प्रताप सरनाइक का भी उल्लेख किया.