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फिर चर्चा में JNU कांड से विवादों में आईं शेहला रशीद... जानिए क्या है वजह

शेहला रशीद जेएनयू की छात्रा रही हैं. उन्होंने JNU से ही सोशियोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री ली है. इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेशल रिलेशन्स में भी मास्टर्स किया है. शेहला तब चर्चा में आई थीं जब साल 2016 जेएनयू में कथित तौर पर कुछ छात्रों ने भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाए गए थे.

शेहला रशीद (फाइल फोटो) शेहला रशीद (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:34 PM IST

शेहला रशीद एक बार फिर चर्चा में हैं. वजह है उनकी अपनी खुद की विचारधारा, जिसका झंडा वह JNU में रहते हुए बुलंद रखती थीं, लेकिन अब बीते कुछ समय से इसमें कुछ बदलाव सा दिख रहा है. असल में वह कई मौंकों पर केंद्र सरकार की आलोचना करती दिखती थीं, लेकिन अब अचानक ही उनके सुर बदले से लगने लगे हैं. वह पीएम मोदी और अमित शाह की तारीफ तो कर रही हैं, साथ  ही कश्मीर के बदलावों को भी सकारात्मक बता रही हैं. शेहला राशिद कौन हैं, क्या करती हैं, कहां हैं और विवादों से उनका क्या और कैसा नाता रहा है, इस पर डालते हैं एक नजर...

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दरअसल एक पत्रकार से बातचीत के दौरान कश्मीर की स्थिति पर अपनी राय रखते हुए शेहला ने कहा कि, कश्मीर गाजा नहीं है. कश्मीर में बदलाव के लिए मैं इसका श्रेय पीएम मोदी को देना चाहूंगी, जिन्होंने ऐसी राजनीतिक स्थिति तय की, जो रक्तहीन थी. बातचीत में शिक्षाविद और जेएनयू में छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं शेहला राशिद से पत्थरबाजों को लेकर सवाल किया गया. जब उनसे पूछा गया कि पहले के समय में आपकी सहानुभूति पत्थरबाजों के साथ रही है?

इस पर उन्होंने कहा कि.. हां ऐसा 2010 में था, लेकिन लेकिन आज जब मैं बदली हुई स्थिति देखती हूं तो मैं आज की स्थिति के लिए बहुत अधिक आभारी हूं. कश्मीर गाजा नहीं है, यह बात स्पष्ट हो गई है. क्योंकि कश्मीर सिर्फ विरोध-प्रदर्शनों में शामिल था और आप उग्रवाद, घुसपैठ की छिटपुट घटनाओं को जानते हैं. बदली हुई स्थिति के लिए मैं वर्तमान सरकार, खासकर प्रधानमंत्री को श्रेय देना चाहूंगीं. इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह को भी, जिन्होंने इसके लिए एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सुनिश्चित की है, जिसे रक्तहीन कहना चाहिए.

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कौन हैं शेहला रशीद ?
शेहला रशीद जेएनयू की छात्रा रही हैं. उन्होंने JNU से ही सोशियोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री ली है. इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेशल रिलेशन्स में भी मास्टर्स किया है. शेहला तब चर्चा में आई थीं जब साल 2016 जेएनयू में कथित तौर पर कुछ छात्रों ने भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाए गए थे. इस नारेबाजी से टुकड़े-टुकड़े गैंग निकला और इसका राजनीतिक इस्तेमाल होने लगा. छात्रों की ओर से नारेबाजी से इनकार किया गया था. इस दौरान शहला रशीद ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. शेहला ने अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करते हुए कई प्लेटफॉर्म पर खुलकर इसके विषय में बोलती-कहती नजर आई थीं.

चोली-दामन सा रहा है शेहला और विवादों का नाता
शेहला रशीद का नाता लगातार विवादों से रहा है. साल 2016 में वह टुकड़े-टुकड़े गैंग की कथित सदस्य के तौर पर सामने आई थीं. जब JNU में भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाए गए थे तो जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद की गिरफ्तारी हुई थी. छात्रों की ओर से नारेबाजी से इनकार किया गया था. इस दौरान शहला रशीद ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. शहला रशीद छात्रों के राजनीतिक प्रदर्शन के अधिकार को सख्ती से डिफेंड करती हुई नजर आती थीं. तब शहला कई न्यूज चैनलों और कार्यक्रमों के प्लेटफॉर्म पर आईं और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में खड़ी हुईं. 

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शहला के विवादित ट्वीट और राजद्रोह का मुकदमा 
इसके बाद 5 अगस्त 2019 को जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा दिया तो शहला ने केंद्र के इस फैसले का तीखा विरोध किया. शहला ने तब लगातार ट्वीट कर सेना और केंद्र पर आरोप लगाए थे. शहला ने ट्वीट कर कहा था कि लोगों को आतंकित और प्रताड़ित किया जा रहा है, जम्मू-कश्मीर पुलिस के पास कोई अधिकार नहीं है. सेना रात के अंधेरे में लोगों के घर घुस में रही है और लोगों को उठा रही है. सेना ने शहला के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था. शेहला के इस ट्वीट पर उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने ''देश में हिंसा भड़काने के इरादे से जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाना" का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. इस मामले में शहला पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. 

370 हटाने को सु्प्रीम कोर्ट में दी चुनौती, फिर याचिका ली वापस
शहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर के आईएएस शाह फैसल के साथ सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के फैसले को चुनौती दी थी. लेकिन इसी साल जुलाई में आईएएस अधिकारी शाह फैसल और एक्टिविस्ट शहला राशिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिकाएं वापस ले ली थी.

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पिता ने लगाया था देशद्रोह का आरोप
नवंबर 2020 में शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशिद ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी बेटी पर गंभीर आरोप लगाए थे. अब्दुल राशिद ने पत्र में दावा करते हुए लिखा है कि उन्हें अपनी बेटी से जान का खतरा है. जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक को लिखे गए पत्र में अपनी बेटी पर आरोप लगाया कि शेहला रशीद देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है. शेहला रशीद के पिता अब्दुल रशीद शौरा का कहना है कि उनकी बेटी शेहला रशीद देशद्रोह समेत कई देश विरोधी गतिविधिय़ों में शामिल हैं. इसके साथ उन्होंने पूरे मामले की जांच करने की मांग की है. 

बनाया था राजनीतिक संगठन
शेहला रशीद ने जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नाम से राजनीतिक संगठन बनाने में भी योगदान रहा है. शेहला रशीद ने डॉ. शाह फैसल के साथ मिलकर ही वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नामक राजनीतिक संगठन भी बनाया था. हालांकि राजनीति में उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिली थी.

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