Advertisement

मर्डर, किडनैपिंग और नरसंहार... 76 साल की शेख हसीना के खिलाफ 24 दिन में 75 केस

पांच अगस्त के बाद से अब तक इन 24 दिनों में शेख हसीना पर 75 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें छोटे-मोटे मामलों से लेकर अपहरण और हत्या जैसे संगीन आरोप तक हैं. 

शेख हसीना (फाइल फोटो) शेख हसीना (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

बांग्लादेश में पांच अगस्त को हुए तख्तापलट और शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर फरार हो जाने के बाद से उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही. जहां एक तरफ वह अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाए रखने की जंग लड़ रही हैं. वहीं दूसरी तरफ उनके ऊपर एक के बाद एक कई केस दर्ज हो चुके हैं.

Advertisement

पांच अगस्त के बाद से अब तक इन 24 दिनों में शेख हसीना पर 75 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें छोटे-मोटे मामलों से लेकर अपहरण और हत्या जैसे संगीन आरोप तक हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 76 साल की शेख हसीना के खिलाफ हाल ही में ढाका कोर्ट में तीन और नए मामले दर्ज किए गए हैं. इससे पहले बोगुरा में उन पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था. उनके खिलाफ अकेले हत्या के ही 63 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि सात मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप हैं जबकि अन्य कुछ मामले अपहरण के भी हैं. 

शेख हसीना के खिलाफ किसकी हत्या का केस दर्ज?

शेख हसीना के खिलाफ 19 जुलाई को ढाका के बनाश्री में कोटा सिस्टम को लेकर किए जा रहे आंदोलन के दौरान एक किराने की दुकान के मालिक की हत्या का मामला दर्ज किया गया है. शेख हसीना के अलावा 30 और लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. 

Advertisement

दरअसल मृतक के पिता ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मोहम्मद तोफज्जल हुसैन की कोर्ट में हत्या का मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद कोर्ट ने खिलगांव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने को कहा था. कोर्ट ने इसी पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी से 14 साल के बच्चे की हत्या के मामले में शेख हसीना और 26 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था. 

शेख हसीना और 50 अन्य लोगों के खिलाफ तीसरा केस 18 जुलाई के दौरान छात्रों के आरक्षण को लेक किए गए आंदोलन के दौरान ढाका बार एसोसिएशन के वकील की हत्या के प्रयास के संबंध में दर्ज किया था. हसीना के खिलाफ बोगुरा में भी हत्या का मामला दर्ज किया गया. चार अगस्त को एक शख्स को गोली मारी गई थी. यह केस उसी से जुड़ा हुआ है. 

बांग्लादेश में कैसे हुई थी आंदोलन की शुरुआत?

बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में उन लोगों के परिवारों को आरक्षण मिलता था, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई थी. इस कोटे के खिलाफ वहां उग्र प्रदर्शन शुरू हुए थे. शेख हसीना ने रणनीति और बल दोनों से इस आंदोलन को रोकने की कोशिश की थी लेकिन दोनों ही प्रयास असफल रहे. आखिर में उन्होंने प्रदर्शनकारियों की सभी मांगे मान लीं, लेकिन प्रदर्शनकारी उनके इस्तीफे पर अड़ गए.

Advertisement

इस बीच पांच अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं. वहीं, बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई. कई पुलिस स्टेशनों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई. देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई. इसके बाद मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement