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भारत में ही रहेंगी शेख हसीना! उधर बांग्लादेश में पासपोर्ट रद्द, इधर बढ़ा वीजा

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर 23 दिसंबर भारत सरकार से अनुरोध किया था. 

शेख हसीना शेख हसीना
शिवानी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

बांग्लादेश में पांच अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं. इस बीच खबर है कि भारत में उनके वीजा की अवधि को बढ़ा दिया गया है.

सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार ने शेख हसीना की वीजा अवधि बढ़ा दी है, जिसके बाद से भारत में उनके प्रवास को लेकर फिलहाल किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. बांग्लादेश से भागकर शेख हसीना भारत के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं, जहां से कथित तौर पर उन्हें दिल्ली में किसी सेफहाउस में रिलोकेट कर दिया गया है. 

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इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर 23 दिसंबर भारत सरकार से अनुरोध किया था. 

सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भारत में शरणार्थी कानून नहीं होने की वजह से अभी तक शेख हसीना को कोई शरणार्थी दर्जा नहीं दिया गया है. इससे पहले मंगलवार को बांग्लादेशी अधिकारियों ने शेख हसीना सहित 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए थे. इनमें से 22 लोग कथित अपहरण में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जबकि 75 अन्य लोगों पर पिछले वर्ष छात्र विरोधी आंदोलनों के दौरान हत्या के आरोप हैं.

बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया था. उसी दिन शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत आ गई थीं. अभी शेख हसीना भारत में ही रह रही हैं. शेख हसीना के देश छोड़ देने के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जिसके मुखिया मोहम्मद यूनुस हैं.

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यूनुस कई बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुके हैं. शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं और अंतर्राष्ट्रीय अदालत में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

मालूम हो कि बांग्लादेश में इसी साल जनवरी में आम चुनाव हुए थे. इन चुनाव में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने बड़ी जीत हासिल की थी. आवामी लीग ने संसद की 300 में से 224 सीटें जीती थीं. शेख हसीना साल 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं. वो सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वालीं पहली महिला थीं. 

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