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Shinzo Abe को भारत ने दिया पद्म विभूषण से लेकर नेताजी पुरस्कार, काशी से था जापानी नेता को लगाव

Shinzo Abe dies: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री Shinzo Abe का काशी से भी लगाव था. पीएम मोदी के मित्र और मेहमान के तौर पर वह काशी आए थे. 2015 में दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए थे. उस दौरान शिंजो आबे ने गंगा आरती भी की थी.

दिसंबर 2015 में भारत यात्रा के दौरान काशी में गंगा आरती में शामिल हुए थे शिंजो अबे दिसंबर 2015 में भारत यात्रा के दौरान काशी में गंगा आरती में शामिल हुए थे शिंजो अबे
शिल्पी सेन
  • वाराणसी,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST
  • चुनावी सभा के दौरान शिंजो आबे पर हमला
  • जापान के नारा शहर में मारी गई गोली
  • कुछ घंटों बाद अस्पताल में हुआ निधन

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया है. शुक्रवार सुबह हमलावर ने भाषण कार्यक्रम के दौरान उनके सीने में दो गोलियां मार दी थीं. गंभीर हालत में आबे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन पूरे प्रयासों के बावजूद इस वैश्विक नेता को बचाया नहीं जा सका. दिवंगत आबे के भारत के साथ बेहतर और मजबूत संबंध थे. प्रधानमंत्री रहने के दौरान दो बार उन्होंने भारत यात्रा की थी. 

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जापानी नेता Shinzo Abe पीएम मोदी के मित्र और मेहमान के तौर पर साल 2015 में काशी आए थे. दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए थे. उस दौरान उन्होंने गंगा का स्पर्श कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की थी. 

दशाश्वमेध घाट पर जो तीर्थ पुरोहित शिंजो आबे और पीएम मोदी के साथ गंगा आरती में शामिल हुए थे, उन्होंने भी जापान के पूर्व पीएम के लिए प्रार्थनाएं कीं. काशी की गंगा आरती में शिंजो आबे के साथ शामिल लोगों ने कहा कि वैसे तो बहुत से विदेशी मेहमान आते हैं, लेकिन शिंजो आबे गंगा आरती के दौरान काफी उत्साहित थे.

शिंजो आबे भारत से जब स्वदेश के लिए विदा हुए थे, तब पीएम मोदी ने उन्हें श्रीमद्भागवत गीता भेंट की थी. जापानी नेता को भारत की संस्कृति और सभ्यता से खासा लगाव था. शिंजो आबे ने अपने पहले कार्यकाल में साल 2006-2007 में भारत की यात्रा की थी.

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इसी साल जनवरी माह में कोलकाता के नेताजी रिसर्च ब्यूरो ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को नेताजी पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया था. कोलकाता में जापान के महावाणिज्य दूत नाकामुरा युताका ने आबे की तरफ से यह सम्मान प्राप्त किया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर यह सम्मान दिया गया. 

इससे पहले, भारत सरकार ने जनवरी 2021 में शिंजो आबे को भारत के दूसरे सबसे बड़ा नागरिक अवॉर्ड पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. 

 

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