
2022 में होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों से पहले दिल्ली बीजेपी अपने सिख वोटरों को लुभाने की कवायद में जुट गई है. इसी कड़ी में पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल के बड़े सिख नेता कुलदीप सिंह भोगल को कमल का झंडा थमा दिया है. भोगल 1984 दंगा पीड़ित राहत कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कुलदीप सिंह भोगल को प्रदेश कार्यालय में बीजेपी की सदस्यता दिलाई. आदेश गुप्ता की मानें तो कुलदीप सिंह भोगल के पार्टी में शामिल होने से पार्टी के सिख नेतृत्व को मजबूती तो मिलेगी, साथ ही सिख वोटरों के बीच बीजेपी की पकड़ और मजबूत होगी. कुलदीप सिंह भोगल दक्षिणी दिल्ली से आते हैं और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में बीजेपी का कब्जा है.
निगम चुनाव नजदीक आने के साथ ही सभी राजनीतिक दल चाहे वह आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस या फिर बीजेपी, अपने संगठनों को मजबूत करने में लगे हैं. यही वजह है कि आए दिन अलग-अलग नेता अपनी पार्टी का दामन छोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थामने में लगे हैं.
कौन हैं कुलदीप सिंह भोगल
कुलदीप सिंह भोगल शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद संभाल रहे थे. 1984 के दंगों में दिल्ली के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने में भी कुलदीप सिंह भोगल का काफी बड़ा योगदान रहा है. कुलदीप सिंह 1984 दंगा पीड़ित राहत कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं.
चिन्हित करके दंगाइयों सजा दिलवा रहे मोदी
बीजेपी में शामिल होने के बाद कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि आज मेरी घर वापसी हुई है. 1984 में जो दंगे हुए, उसके दर्द को जिंदा रखने की प्रेरणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी से मुझे मिली. 1984 दंगों के आरोपियों को कांग्रेस सजा दिलाने में पीछे हटती रही, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिन्हित करके उनको सजा दिलाने का काम किया और उनको आज सजा दी जा रही है.
सिरसा भी हो चुके शामिल
इससे पहले, अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. और अब कुलदीप सिंह भोगल के बीजेपी में शामिल होने से अकाली दल दिल्ली को बड़ा झटका लगा है.