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'वैसे तो सदैव स्वतंत्र था, पर सपा से औपचारिक आजादी देने के लिए धन्यवाद', अखिलेश को शिवपाल का जवाब

शिवपाल सिंह यादव ने एक बयान में कहा था कि सपा में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है. शिवपाल के इस बयान के बाद सपा की तरफ से आज एक ट्वीट किया गया और इसमें साफतौर पर गठबंधन छोड़ने के संकेत दे दिए गए हैं. अब शिवपाल ने ट्वीट किया और कहा-सपा द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद.

शिवपाल सिंह यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. शिवपाल सिंह यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं.
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 23 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:03 PM IST
  • शिवपाल ने कहा था- सपा में नहीं मिल रहा सम्मान
  • सपा ने आज पत्र में कहा- जहां सम्मान मिले, वहां जा सकते हैं

समाजवादी पार्टी के गठबंधन छोड़ने के संकेत मिलने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव का बयान भी आया है. शिवपाल ने ट्वीट किया और कहा- मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद. उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है.

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बता दें कि शिवपाल सिंह यादव ने एक बयान में कहा था कि सपा में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है. शिवपाल के इस बयान के बाद सपा की तरफ से आज एक ट्वीट किया गया और इसमें साफतौर पर गठबंधन छोड़ने के संकेत दे दिए गए हैं. सपा ने ट्वीट में कहा- माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.

 

सैफई में बोले शिवपाल- धीरे-धीरे चलना चाहिए

वहीं, इटावा में शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. धीरे-धीरे चलना चाहिए. जल्दी में कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए. जो मैंने ट्वीट किया है इसी को मेरा जवाब माना जाए. शिवपाल सैफई में स्थित एसएस मेमोरियल में समर्थकों के साथ बैठकर चर्चा कर रहे थे. इसके साथ ही वे लोगों की समस्याओं को भी सुन रहे थे. माना जा रहा है कि शिवपाल आने वाले समय में कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं.

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दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की थी और गठबंधन किया था. शिवपाल ने सपा के सिंबल पर जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. हालांकि, उसके बाद शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच दूरियां बढ़ती गईं.

सबसे पहले शिवपाल यादव की तरफ से आरोप लगाया कि अखिलेश ने उन्हें विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया. जबकि वे सपा से विधायक हैं. उसके बाद बयानबाजी का दौर चलता रहा. हाल ही में दोनों के बीच खुलकर बगावत देखने को मिली. राष्ट्रपति चुनाव में सपा ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन दिया. जबकि शिवपाल यादव ने खुलकर सिन्हा का विरोध किया.

शिवपाल ने एक खुला पत्र लिखा और कहा कि मुलायम सिंह यादव को ISI का एजेंट कहकर अपमानित करने वाले को कट्टर सपाई कभी समर्थन नहीं करेगा. उन्होंने अखिलेश को समर्थन देने से पहले एक बार फिर विचार करने के लिए कहा था.

बाद में अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव पर हमला किया था और 'दिल्ली से (भाजपा द्वारा) एक 'इशारा' (डायरेक्शन) था, जिसके बाद एक उपमुख्यमंत्री ने एक अखबार के पुराने आर्टिकल को ट्वीट किया, जिसमें मुलायम पर सिन्हा की 'आईएसआई एजेंट' की टिप्पणी के बारे में लिखा गया था. उसके बाद इसे (शिवपाल यादव द्वारा) प्रसारित किया गया.' अखिलेश ने उन्हें भगवा पार्टी द्वारा 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) और सपा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के बारे में याद दिलाया. 

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अखिलेश ने कहा- 'चाचा (शिवपाल यादव) को हाल के यूपी चुनावों के दौरान भाजपा की भाषा को याद करना चाहिए. भाजपा की भाषा हमेशा नेताजी और समाजवादी के प्रति खराब रही है.'

 खुलकर सपा अध्यक्ष और भतीजे अखिलेश यादव पर हमला बोला है. शिवपाल ने इशारों-इशारों में यहां तक कह दिया है कि अखिलेश ने मेरा और मुलायम सिंह यादव तक का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाकर अपमान किया गया है. कट्टर सपाई नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते.

(इटावा से अमित तिवारी के इनपुट के साथ)

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