
कर्नाटक में सरकार गठन का फॉर्मूला तय हो गया. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, कांग्रेस पार्टी ने सिद्धारमैया को सीएम बनाने का फैसला किया है. वहीं, डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम होंगे. राज्य में एक ही डिप्टी सीएम होगा. डीके 2024 लोकसभा चुनाव तक कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे.
कर्नाटक से दिल्ली तक 100 घंटे चले मंथन और ताबड़तोड़ बैठकों के दौर के बाद सीएम पद के लिए सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगी. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद कर्नाटक का पूरा सियासी संकट सुलझ पाया. अब 20 मई को कर्नाटक में नई सरकार का गठन होगा.
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था. हालांकि, समय समय पर प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया सीएम पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश करते रहे. राज्य में जीत मिलने के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने सीएम बनने के लिए कोशिशें तेज कर दी थीं. जहां कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को सीएम और शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाने के पक्ष में था. हालांकि, शिवकुमार सीएम पद से नीचे कुछ भी लेने को तैयार नहीं थे.
किस्सा कर्नाटक की कुर्सी का: 5 फैक्टर... कैसे डीके शिवकुमार पर भारी पड़ गए सिद्धारमैया?
- 13 मई को नतीजे आए. इसमें कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की.
- 14 मई को बेंगलुरु के एक होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में केंद्र से भेजे गए तीन पर्यवेक्षक भी मौजूद थे. बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ कि सीएम पर फैसला मल्लिकार्जुन खड़गे करें. हालांकि कुछ विधायकों ने इस दौरान अपनी निजी राय भी बताई.
- 15 मई को पर्यवेक्षक दिल्ली पहुंचे और मल्लिकार्जुन खड़गे को रिपोर्ट सौंपी. पार्टी ने दोनों नेताओं शिवकुमार और सिद्धारमैया को दिल्ली बुलाया. पार्टी आलाकमान की देर रात तक बैठक चली, इसमें सीएम के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी.
- सिद्धारमैया 15 मई को दोपहर में दिल्ली पहुंचे. शिवकुमार ने खराब तबीयत का हवाला देते हुए दिल्ली आने से इनकार कर दिया.
- डीके शिवकुमार 16 मई को दिल्ली पहुंचे. खड़गे के आवास पर बैठक हुई. राहुल गांधी भी इसमें मौजूद थे. इसके बाद खड़गे ने शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ अलग अलग बैठक की.
- कर्नाटक के लिए 17 मई का दिन काफी अहम रहा. इस दौरान कई दौर की बैठकें हुईं. सुबह 9.30 बजे कर्नाटक के केंद्रीय पर्यवेक्षक भंवर जितेन्द्र सिंह राहुल गांधी के घर पर उनसे मिलने पहुंचे.
- इसके बाद 10.30 बजे केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से मुलाकात की.
- 11.30 बजे सिद्धारमैया राहुल गांधी से मुलाकात करने पहुंचे. सिद्धारमैया के बाद राहुल ने 12.20 बजे डीके शिवकुमार के साथ बैठक की.
- उधर, कर्नाटक के कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने 12 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की. इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक सुशील सिंदे ने 12.27 बजे खड़गे से मुलाकात की. 1.30 बजे एमबी पाटिल खड़गे से मुलाकात करने पहुंचे.
- सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की. वे हिमाचल में हैं. सोनिया ने डीके को खड़गे से मुलाकात करने के लिए कहा. दोपहर 2 बजे डीके खड़गे से मुलाकात करने पहुंचे. करीब 2 घंटे तक ये बातचीत चली. शिवकुमार सीएम के अलावा कोई पद लेने पर तैयार नहीं थे.
- कर्नाटक के कुछ विधायक भी खड़गे से मुलाकात करने पहुंचे. ये मुलाकात कैबिनेट में जगह को लेकर हुई.
कर्नाटक में देर रात सरकार गठन का फॉर्मूला तय हुआ. बताया जा रहा है कि आखिर में सोनिया गांधी की दखल के बाद कर्नाटक का सियासी संकट सुलझ पाया. शिवकुमार डिप्टी सीएम पद पर राजी हो गए. जबकि तय हुआ कि सिद्धारमैया ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे.