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Sikhs For Justice पर एक्शन, खालिस्तानी संगठन से जुड़े सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स बैन

प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन Sikhs For Justice पर भारत सरकार ने एक्शन लिया है. इसमें सिख फॉर जस्टिस से जुड़े सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स बैन कर दिए गए हैं.

पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST
  • अकाउंट्स के जरिए चुनावों में की गई माहौल बिगाड़ने की कोशिश
  • पहले भी कई विवादों में सामने आया है सिख फॉर जस्टिस का नाम

खालिस्तान का समर्थन करने वाले बैन आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) पर मोदी सरकार ने नकेल कसी है. सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने Sikhs For Justice से जुड़े ऐप्स, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है. कहा गया है कि इन चैनल्स के जरिए विधानसभा चुनावों में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई थी.

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इससे पहले 18 फरवरी को 'सिख फॉर जस्टिस' के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) ने वीडियो जारी कर पंजाबी सिंह और एक्टर दीप सिद्धू की मौत को राजनीतिक हत्या बताया था. वीडियो में उसने आरोप लगाया था कि दीप सिद्धू की हत्या भारत  सरकार ने कराई है. इसके बाद खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे. खालिस्तानी आतंवादी के फेसबुक वीडियो के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था. 

हिजाब विवाद में भी सामने आया था SFJ का नाम

सिख फॉर जस्टिस का नाम कर्नाटक हिजाब विवाद के दौरान हो रहे प्रदर्शन में के समय भी सामने आया था. खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI खालिस्तानी आतंकी संगठन के जरिए भारत में हिजाब रेफरेंडम के जरिए अराजकता फैलाने की साजिश रच रही है. भारत में हिजाब रेफरेंडम के लिए वेबसाइट भी बनाई गई है.

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वीडियो जारी कर हिंसा भड़काना चाहता था पन्नू

हिजाब विवाद को भड़काने के लिए सिख फॉर जस्टिस ने प्रोपेगेंडा वीडियो जारी किया था. वीडियो में हिजाब विवाद वाली लड़की मुस्कान की तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया था. पन्नू ने तब भारतीय मुस्लिमों से अपील की थी कि वे हिजाब रेफरेंडम शुरू करें और भारत को उर्दुस्तान बनाने की तरफ बढ़ें. आईबी ने कहा था कि दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हिजाब रेफरेंडम के लिए लोगों को उकसाया जा सकता है.

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