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सिक्किम में बादल फटा, सैलाब ने लील लीं 40 जिंदगियां... अब 'बारूदी बाढ़' का बना खतरा

सिक्किम मे गंगटोक से लेकर दूरदराज तक के कई कस्बों में हर तरफ तबाही दिख रही है. कई भारी-भरकम गाड़ियां और मशीनें दबी हैं तो कहीं पुल और सड़कें साफ हो गई हैं. उत्तर सिक्किम में सबसे ज्यादा तबाही हुई है. सिक्किम में सैकड़ों लोग राहत शिविरों में हैं. मकान दफ्न हो गए हैं, गाड़ियां मलबे में दबी हुई हैं. 

सिक्किम में बाढ़ से तबाही सिक्किम में बाढ़ से तबाही
अनुपम मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में आई बाढ़ तबाही लेकर आई है. सिक्किम में बादल फटने से बाढ़ ने काफी तबाही मचाई लेकिन यह बाढ़ पश्चिम बंगाल के लिए भी मुसबीत बनकर टूटी है. बाढ़ से अब तक सेना के सात जवानों समेत 40 लोगों की मौत हो चुकी है. तीस्ता नदी से अब तक 22 शव मिल चुके हैं. 100 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एनआरडीएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचावकार्य में जुटे हैं.

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सिक्किम मे गंगटोक से लेकर दूरदराज तक के कई कस्बों में हर तरफ तबाही दिख रही है. कई भारी-भरकम गाड़ियां और मशीनें दबी हैं तो कहीं पुल और सड़कें साफ हो गई हैं. उत्तर सिक्किम में सबसे ज्यादा तबाही हुई है. सिक्किम में सैकड़ों लोग राहत शिविरों में हैं. मकान दफ्न हो गए हैं, गाड़ियां मलबे में दबी हुई हैं. 

सिक्किम में गंगटोक से लगाकर दूरदराज के तमाम इलाकों में बाढ़ और सैलाब ने जमकर तबाही मचाई है. मजबूत पुल तीस्ता के बहाव के आगे टूटकर बिखर गया. भारी-भरकम मशीनों से लेकर ट्रक और बसें मलबे मे दब गई और रास्तों का कहीं कोई नामोनिशान नहीं बचा. इस निर्माणाधीन पुल को भी बाढ़ से भयंकर नुकसान पहुंचा. पुल का एक हिस्सा दिख रहा है. ये पुल करीब-करीब पूरा हो चुका था लेकिन अब इसका एक बड़ा हिस्सा नदारद है.

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सिक्किम की बाढ़ से पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में जलसैलाब आ गया जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि चार घायल बताए जा रहे हैं. सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई, जिससे एक मोर्टार का बॉक्स बहता हुआ बंगाल के जलपाईगुड़ी पहुंच गया. पानी के साथ बहकर आए मोर्टार के इस गोले को जैसे ही लोगों ने लोहे की चीज समझकर छुआ, एक जोरदार धमाका हुआ. पुलिस का मानना है कि मोर्टार का ये गोला भारतीय सेना का था. 

सिक्किम के बारदांग में नदी से सटकर सेना का कैंप था. वहां भारतीय सेना की 41 गाड़ियां खड़ी थीं. कहा जा रहा है कि इस आर्मी कैंप से मोर्टार का गोला बाढ़ के साथ बहकर जलपाईगुड़ी पहुंच गया.

एक धमाका और सेना की चेतावनी

भारतीय सेना की ओर से इस बाबत सूचना भी जारी की गई थी कि अगर किसी को भारतीय सेना के हथियार और गोला बारूद मिले तो तुरंत सूचित करें उन्हें हाथ न लगाएं क्योंकि सिक्किम से लाभ के दौरान भारतीय सेना के बाद सारे गोला बारूद बह गए हैं. 

यह धमाका भारतीय सेना के उन्हीं गोला बारूद का हिस्सा है, जो सिक्किम सैलाब के दौरान बह गए थे और आज अचानक सिक्किम के रौंगपो में तीस्ता नदी के किनारे ये धमाका हुआ. 

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सिक्कम में मची इस तबाही को देखकर वैज्ञानिक भी डरे हुए हैं. जिस तरह से कुदरत ने उथल-पुथल मचा रखी है, कहीं ये और भी बड़े खतरे का सिग्नल तो नहीं है क्योंकि सिक्किम भूकंप की सबसे खतरनाक सिस्मक ज़ोन-5 में आता है. यानी यहां 8 से 9 तीव्रता वाले भूकंप की आशंका बनी रहती है.

बता दें कि चार अक्टूबर को ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) के कारण झील में जल स्तर तेजी से बढ़ गया था. इससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में भारी नुकसान हुआ. साथ ही चुंगथांग बांध से पानी छोड़ा गया और तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़कर बाढ़ आई, जिसमें भारी तबाही हुई.

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