'मालेगांव ब्लास्ट के पीछे हो सकता है SIMI का हाथ', प्रज्ञा ठाकुर के वकील की अदालत में दलील

2008 Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने कहा कि स्थानीय लोगों ने विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने से रोका था. हो सकता है कि ऐसा आरोपियों को बचाने के लिए किया गया हो. 

Advertisement
2008 के मालेगांव विस्फोट का एक दृश्य. (फाइल फोटो) 2008 के मालेगांव विस्फोट का एक दृश्य. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • मुंबई ,
  • 03 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

2008 के मालेगांव विस्फोट के पीछे प्रतिबंधित छात्र इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का हाथ हो सकता है. विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी और बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने अदालत में यह दलील दी है. आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने कहा कि स्थानीय लोगों ने विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने से रोका था. हो सकता है कि ऐसा आरोपियों को बचाने के लिए किया गया हो. 

Advertisement

दरअसल, बचाव पक्ष मौजूदा वक्त में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मामलों के स्पेशल जज एके लाहोटी की अदालत में मामले में अंतिम दलीलें दे रहा है. इस दौरान प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कहा कि जब ​​भी ऐसी कोई घटना होती है तो लोग पुलिस की मदद करते हैं. लेकिन इस मामले में घटना के तुरंत बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हुए और पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे पुलिसकर्मियों को विस्फोट स्थल पर पहुंचने से रोका गया. मिश्रा ने दावा किया कि हो सकता है कि उन्होंने ऐसा अपने लोगों (सिमी से जुड़े) को बचाने के लिए किया हो. 

वकील मिश्रा ने तर्क दिया, ''विस्फोट स्थल के पास सिमी का एक कार्यालय स्थित था, जहां कथित तौर पर बम बनाए गए थे. हो सकता है कि जब दुर्घटनावश विस्फोट हुआ हो, तब वे (सिमी के लोग) दोपहिया वाहन पर विस्फोटक ले जा रहे हों. हालांकि, जांचकर्ताओं ने दावा किया था कि मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर की थी. अब इस मामले में मुख्य आरोपी के वकील जेपी मिश्रा शुक्रवार को अपनी दलीलें जारी रखेंगे. 

Advertisement

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को उत्तर महाराष्ट्र में मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण के फटने से 6 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए. 

इस मामले के मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच की, जिनमें से 34 मुकर गए. 2019 से 2024 तक भोपाल से BJP सांसद रहीं प्रज्ञा ठाकुर के अलावा, मामले में अन्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी हैं. उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

इस मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने की थी, जिसके बाद 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया. विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर 2018 को आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement