
किसान आंदोलन का सबसे बड़ा केंद्र रहा सिंघु बॉर्डर अब हिंसक घटनाओं की वजह से सुर्खियों में चल रहा है. लखबीर सिंह की हत्या के बाद अब मनोज पासवान नाम के शख्स पर जानलेवा हमला हुआ है. हमले में निहंगों द्वारा उसके पैर को तोड़ दिया गया है.
निहंग का एक और शख्स पर जानलेवा हमला
बताया गया है कि मनोज अपने वाहन के जरिए मुर्गियों को लेकर जा रहा था. लेकिन तभी निहंगों ने उसे रोक लिया और मुफ्त में ही मुर्गी की बात करदी. लेकिन जब मनोज ने देने से इनकार कर दिया, तब निहंगों ने जानलेवा हमला किया. उसके पैर को ही तोड़ दिया गया. इस घटना के बाद पुलिस ने एक निहंग को हिरासत में ले लिया है.
पूरे मामले में कुंडली थाना पुलिस जांच कर रही है. डीएसपी राव वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सिंघु बॉर्डर पर मैन स्टेज के पीछे निहंग सरदारों के कपड़ों में एक शख्स ने एक व्यक्ति के साथ मारपीट की है. पीड़ित व्यक्ति मनोज पासवान ने बताया कि वह मुर्गे सप्लाई करने का काम करता है और वह मुर्गे सप्लाई करने के लिए जा रहा था.उसी दौरान उससे मुर्गा मांगा गया था और नहीं देने पर उसे हाथों से और लाठी डंडों से पीटना शुरू कर दिया. घायल का इलाज चल रहा है. वहीं निहंग सरदारों के कपड़ों में जो शख्स था, उसकी पहचान हो चुकी है. आरोपी का नाम नवीन है जो गगसीना गांव करनाल जिले का रहने वाला है. शख्स को राउंडअप कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है.
लखबीर विवाद जारी, एक और हमले से बवाल
इससे पहले निहंगों ने ही लखबीर सिंह पर भी जानलेवा हमला कर दिया था. उसके दोनों हाथ और पैर काट दिए गए थे. लखबीर ने दम तोड़ दिया था और उसकी मौत हो गई. उस घटना के बाद पुलिस द्वारा नारायण सिंह, गोविंद और भगवंत की गिरफ्तारी हुई थी. पुलिस अभी भी अपनी जांच कर रही है और लखबीर के परिवार से भी सवाल-जवाब हो रहे हैं.
वैसे लखबीर हत्या को लेकर विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है. कुछ दिन पहले ही किसान नेता राकेश टिकैत ने सिंघु बॉर्डर हत्या को भी एक साजिश बता दिया था. उन्होंने इसे खुद किसान आंदोलन से जोड़ते हुए कहा था कि केंद्र हमारे आंदोलन को खत्म करने का प्रयास कर रही है.
राकेश टिकैत ने क्या बोला था?
जारी बयान में टिकैत ने बोला था कि पहले ही मैं बता रहा था कि कुछ ना कुछ कर्मकांड सरकार कर रही है. सिंघु बॉर्डर हत्या मामले पर तो अगर सरकार उकसा कर काम करवा रही है तो 120b के तहत मुजरिम है सरकार. जिस लड़के की डेथ हुई उसके पास किराया गांव से शहर तक का नहीं था. वह दिल्ली कैसे आया. तो अगर जांच होगी तो इसमें कोई ना कोई राज जरूर सामने आएगा. पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, उसके फोन की भी जांच हो कि किस-किस से उसकी बात होती थी.
ऐसे में लखबीर हत्या को लेकर बवाल अभी बवाल खत्म भी नहीं हुआ है कि अब मनोज पासवान पर भी जानलेवा हमला हो गया. विवाद इस बात पर भी है कि फिर निहंगों ने ही इस हमले को अंजाम दिया है. ऐसे में किसानों को फिर सफाई देना मुश्किल हो सकता है. ये अलग बात है कि पहले से ही संयुक्त किसान मोर्चा खुद को निहंगों से अलग बता रहा है.