
Single Use Plastic Ban: देश में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजों पर प्रतिबंध लग गया है. सरकार ने अभी सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर रोक लगाई है. आज से इन चीजों को बनाने, बेचने, इस्तेमाल करने, स्टोर करने और एक्सपोर्ट करने पर प्रतिबंध लग गया है. ये प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है, ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों लगा? अगर इन नियमों का उल्लंघन किया तो क्या होगा? किन-किन चीजों के इस्तेमाल पर रोक लग गई है? जानें 10 बड़े सवालों के जवाब...
1. सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?
सिंगल यूज प्लास्टिक की कोई परिभाषा नहीं है. लेकिन ये ऐसा प्लास्टिक होता है, जिसे सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है या जिसे एक बार इस्तेमाल कर फेंक देते हैं.
2. किन-किन चीजों पर लगा है बैन?
1. प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
2. गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
3. प्लास्टिक के झंडे
4. कैंडी स्टिक
5. आइसक्रीम स्टिक
6. थर्मोकोल
7. प्लास्टिक की प्लेट
8. कप
9. गिलास
10. फोर्क (कांटेदार चम्मच)
11. चम्मच
12. चाकू
13. स्ट्रॉ
14. ट्रे
15. मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
16. इन्विटेशन कार्ड
17. सिगरेट के पैकेट
18. 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
19. स्टिरर
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3. प्रतिबंध तो लगा, पालन कैसे होगा?
- सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी इन चीजों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त गाइडलाइंस लागू की हैं. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, सभी मैनुफैक्चरर्स, स्टॉक रखने वाले, सप्लायर और डिस्ट्रीब्यूटर्स को सख्त निर्देश दिए हैं कि जुलाई के पहले हफ्ते में इन 19 चीजों पर पूरी तरह रोक लग जाए. अगर जुलाई के पहले हफ्ते के बाद तक रोक नहीं लगती है तो फिर इसका उल्लंघन करने वाले संस्थानों को बंद कर दिया जाएगा.
4. घर पर इस्तेमाल किया तो?
- जिन चीजों पर रोक लगी है, अगर उनका इस्तेमाल करते हुए पाए जाते हैं, तो इस पर जुर्माने और सजा का प्रावधान किया गया है.
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि घर से अगर सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकलता है, तो 500 रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं, अगर कोई संस्थान या कंपनी कचरा फैलाती है तो उससे 5 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा.
- पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 आइटम्स को एन्वार्यमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत प्रतिबंधित किया गया है. अगर कोई भी इन आइटम्स का अब इस्तेमाल करता है, तो उसे इस एक्ट की धारा 15 के तहत जुर्माना या जेल या दोनों की सजा हो सकती है. धारा 15 के तहत 7 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
5. इन सबकी निगरानी कौन करेगा?
- सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों से जुर्माना वसूलने का काम राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी करेगी.
- लोकल बॉडीज यानी नगर निगम उन रिटेलर्स, सेलर और लोगों से जुर्माना वसूलेगी, जो सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
6. पर प्रतिबंध क्यों लगाया?
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सर्वे बताता है कि देश में हर दिन 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें से सिर्फ 60% को ही इकट्ठा किया जाता है. बाकी कचरा नदी-नालों में मिल जाता है या पड़ा रहता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, भारत में हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक पैदा होता है. इस हिसाब से हर व्यक्ति हर साल 18 ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा पैदा करता है.
- 2017 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि एक भारतीय हर साल 11 किलो प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है. 2017 में ही आई नेचर कम्युनिकेशन की एक रिपोर्ट बताती है कि महासागरों तक गंगा नदी में बहकर बड़े पैमाने पर कचरा पहुंचता है. समंदरों तक सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा फैलाने में गंगा नदी दूसरे नंबर पर है.
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7. कितना खतरनाक है प्लास्टिक?
- सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है. ऐसे प्लास्टिक न तो डिकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है. इनके टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं. इसके अलावा, सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिससे ग्राउंड वॉटर लेवल में कमी आती है.
- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, दुनियाभर में हर एक मिनट में 10 लाख प्लास्टिक बोतल खरीदी जाती है. जबकि, 5 लाख करोड़ प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल हर साल होता है. प्लास्टिक से बने आधे से ज्यादा प्रोडक्ट सिंगल यूज के लिए बने होते हैं. इस कारण धरती पर प्लास्टिक कचरा इकट्ठा होता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि हर साल 40 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है.
- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अब तक समंदरों में करीब 20 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा जा चुका है. 2016 तक हर साल 1.4 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा समंदरों में जाता था और 2040 तक हर साल 3.7 करोड़ टन तक कचरा समंदर में जाने का अनुमान है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि जिस तेजी से समंदरों में प्लास्टिक कचरा फैल रहा है, अगर यही रफ्तार रही तो 2050 तक समंदरों में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा.
8. हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है प्लास्टिक?
- एक अनुमान के मुताबिक, करीब 15% प्लास्टिक जला दिया जाता है. प्लास्टिक के जलने से जहरीली गैसें और खतरनाक केमिकल निकलते हैं, जो न सिर्फ पर्यावरण, बल्कि इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों की सेहत के लिए खतरनाक हैं.
- प्लास्टिक कचरा जलाने वाली डंप साइट पर काम करने वाले लोग और उसके आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही इससे सांस लेने से जुड़ी समस्याएं भी हो जाती हैं.
9. सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प क्या?
- केंद्र सरकार ने अभी 19 आइटम्स पर प्रतिबंध लगाया है. आगे इसमें और भी सामान जोड़े जाएंगे. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के बारे में भी बताया है.
- प्लास्टिक बैग की बजाय कॉटन बैग का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसी तरह प्लास्टिक से बनी चम्मच की जगह बैम्बू स्टिक का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, प्लास्टिक कप की बजाय कुल्हड़ का इस्तेमाल हो सकता है.
10. क्या अभी और प्लास्टिक आइटम्स बैन होंगे?
- देश में पहले से ही 50 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक को बनाने, बेचने और स्टोर करने पर प्रतिबंध है. 30 सितंबर से 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
- अब सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 आइटम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसी साल 28 मार्च को सरकार ने लोकसभा में बताया था कि 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैगों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.