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बंगालः तारकेश्वर के किसानों का जबरन जमीन अधिग्रहण! CM ममता को पत्र लिखकर की शिकायत

पीड़ित किसान अमित बिस्वास ने बताया कि सिंगुर आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहण नहीं करेगी, बल्कि किसानों से बातचीत करके उनके लिए पुनर्वास पैकेज तैयार करेगी.

तारकेश्वर में जमीन अधीग्रहण का मामाल (फोटो- आजतक) तारकेश्वर में जमीन अधीग्रहण का मामाल (फोटो- आजतक)
aajtak.in
  • तारकेश्वर,
  • 01 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST
  • सिंगुर के तारकेश्वर में जमीन अधिग्रहण का मामला
  • किसानों ने जबरन जमीन हथियाने का लगाया आरोप
  • सीएम ममता बनर्जी को खत लिखकर की शिकायत

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंगुर में कृषि जमीन आंदोलन के सहारे पहली बार सत्ता की दहलीज पर कदम रखा था. तब ममता ने तत्कालीन वाम मोर्चा की सरकार द्वारा किसानों की जमीन जबरन हथियाने का जोरदार विरोध किया था. लेकिन आज उसी ममता सरकार पर जबरन जमीन हथियाने का आरोप लगा है.

दरअसल, यह आरोप स्थानीय तृणमूल नेताओं पर लगा है. आरोप है कि स्थानीय तृणमूल नेताओं और पश्चिम बंग विद्युत परिषद निगम के अधिकारियों की सांठगांठ से तारकेश्वर के किसानों की जमीन जबरन हथिया ली गई है.

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यह पूरा मामला हुगली जिले में स्थित भोलेनाथ की नगरी तारकेश्वर की है. देश और दुनिया में विख्यात तारकेश्वर के 10 से 12 पीड़ित किसानों की कुल 100 एकड़ जमीन दांव पर लगी है. जिसमें एक पीड़ित किसान अमित बिस्वास के परिवार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हुगली जिला के डीएम से लिखित तौर पर फरियाद करते हुए कहा कि यदि जबरन छीनी गई जमीन उसे वापस नहीं मिली तो उन्हें स्वेच्छामृत्यु की अनुमति प्रदान करें.

स्थानीय नेताओं ने किया जबरन अधिग्रहण

बता दें, तारकेश्वर के रामनगर इलाके में 1 लाख 32 हजार वोल्ट की क्षमता वाले बिजली के लाइन के विस्तार के लिए इन किसानों के जमीन का जबरन अधिग्रहण किया गया था. किसानों ने आरोप लगाया कि 2017 में प्रस्तावित विद्युत परियोजना के लिए बिजली की लाइन को किसी अन्य रास्ते से ले जाने का प्रावधान था. लेकिन स्थानीय तृणमूल नेताओं, पंचायत सदस्यों और बिजली विभाग के ठेकेदारों ने सांठगांठ करके रूट को बदल दिया और बिजली के तार को उनके खेती योग्य जमीन पर ले जाने का फैसला किया. नतीजतन जबरन उसकी जमीन अधिग्रहण कर ली गई. 

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पीड़ित किसान अमित बिस्वास ने बताया कि सिंगुर आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं करेगी, बल्कि किसानों से बातचीत करके उनके लिए पुनर्वास पैकेज तैयार करने के बाद ही इस फैसले को अमलीजामा पहनाएगी. 

उन्होंने यह भी बताया कि खेती योग्य जमीन के अधिग्रहण करने के बारे में ममता बनर्जी की तरफ से सख्त मनाही है. इसके बावजूद स्थानीय नेता और पंचायत के लोगों ने उसकी जमीन का जबरन अधिग्रहण कर लिया. उसने आरोप लगाया कि बिना किसानों की अनुमति लिए उनके खेती योग्य जमीन के ऊपर से बिजली की लाइन को तारकेश्वर के कलाइकुंडू ग्राम से जंगीपारा तक ले जाया जा रहा है. (भोला नाथ साहा की रिपोर्ट...)

 

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