
सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया है. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने दिल्ली में इन दोनों नेताओं के आवास पर जाकर उन्हें राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में आने का न्योता दिया.
बता दें कि कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और मनमोहन सिंह को भी राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 22 जनवरी 2024 के समारोह में आमंत्रित किया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रतिभा पाटिल को भी भव्य समारोह का निमंत्रण मिला है. इसके अलावा सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को भी राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में आमंत्रित किया गया है.
काशी के वैदिक पंडित कराएंगे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए होने वाली पूजा विधि की पूरी जिम्मेदारी काशी के वैदिक पंडितों को सौंपी गई है. प्रतिष्ठा समारोह में उपयोग होने वाली हवन और पूजन समेत अन्य सामग्री काशी से ही अयोध्या जाएगी. पंडितों का पहला जत्था 26 दिसंबर को वाराणसी से काशी के लिए रवाना होगा. इसके साथ ही यज्ञ कुंड व पूजन मंडप का कार्य भी आरंभ हो जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों वेदों के साथ ही कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के 51 वैदिक विद्धान काशी से रवाना होंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चलाएगी विशेष दर्शन अभियान
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद संघ बड़े स्तर पर दर्शन कराने का अभियान शुरू करेगा. नए मंदिर में 26 जनवरी से राम भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. आरएसएस राम भक्तों को अयोध्या में राम लला के दर्शन कराने का अभियान 26 जनवरी से 21 फरवरी तक चलाएगा. इसके तहत देश भर से राम भक्तों को अयोध्या लाने से लेकर उनके ठहरने और दर्शन करने की व्यवस्था की जाएगी.
आरएसएस के सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल ने प्रांतवार दर्शन की योजना को अंतिम रूप दिया है, जिसे अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंप गई है. अभियान के अंतर्गत रोजाना 5000 राम भक्तों को दर्शन कराने की योजना बनाई गई है. इसके लिए अयोध्या में 36 स्थानों पर भक्तों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की जा रही है. बड़ी संख्या में समाजसेवी संस्थाएं और अन्य लोग श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त में शिविर लगाने के लिए आगे आए हैं. (पीयूष मिश्रा के इनपुट के साथ)