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Photos: टूटे टेंट, बिखरा सामान, इंटरनेट बंद... किसान आंदोलन पर एक्शन के बाद कैसे हैं शंभू बॉर्डर पर हालात

खनौरी सीमा और आसपास के संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल को जालंधर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Situation at Shambhu border Situation at Shambhu border
कमलजीत संधू/अमन भारद्वाज
  • चंडीगढ़,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर करीब 13 महीने से धरने पर बैठे आंदोलनकारी किसानों पर पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों बॉर्डर से किसानों को हटा दिया है. किसानों के टेंट को बुलडोजर से तहस-नहस कर दिया गया. करीब 800 किसान हिरासत में ले लिए गए. इनमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर भी शामिल हैं.

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पुलिस अलर्ट मोड में है और कोशिश कर रही है कि आज से रोड को खुलवाया जा सके. इस इलाके में 2 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया है और किसी के भी आने-जाने पर पाबंदी है. फिलहाल नेट भी बंद कर दिया गया है. खासतौर पर खनौरी सीमा और आसपास के संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल को जालंधर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

दरअसल, पंजाब सरकार 19 मार्च को अचानक किसानों पर सख्त होती नजर आई. शंभू-खनौरी बार्डर पर एक साल से ज्यादा समय से चल रहे आंदोलन पर पंजाब पुलिस एक्शन में आ गई और किसानों के अड्डों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया. ये एक्शन तब हुआ जब केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और किसान संगठनों के बीच चंडीगढ़ में सातवें दौर की बातचीत हुई. 

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इसके तत्काल बाद पंजाब सरकार ने संगठन के प्रमुख किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटडा और अन्य को हिरासत में ले लिया. मीटिंग में बातचीत के लिए अगला दौर 4 मई को रखने की बात कही गई लेकिन इससे पहले ही पंजाब सरकार एक्टिव मोड में नजर आई और एकाएक किसान नेताओं को हिरासत में लेना शुरू किया और किसानों को अड्डों को खदेड़ दिया गया.

13 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को खोलना शुरू किया गया. अब यहां से आंदोलन कर रहे किसानों को हटाया दिया गया है. पंजाब में बुलडोजर से किसानों के बनाए शेड भी तोड़ दिए गए. पहले किसान नेता सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में लिया. उसके बाद पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बार्डर खाली करा दिया. शंभू और खनौरी बार्डर पर कई घंटे तक पंजाब पुलिस का ऑपरेशन चला. 

यह भी पढ़ें: शंभू-खनौरी बार्डर पर बुलडोजर वाला एक्शन, टेंट गिराए, किसानों को खदेड़ा... एक साल बाद अचानक एक्शन में आई पंजाब सरकार

इसमें 800 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद रात को हरियाणा की तरफ लगी सीमेंट की बैरिकेडिंग को भी हटाने का काम शुरू कर दिया गया. हरियाणा पुलिस ने किसानों की आवाजाही को रोकने के लिए हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर लगाए गए कंक्रीट बैरिकेड्स को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया.

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बता दें कि मान सरकार एक साल बाद एक्शन में आई और किसानों के टेंटों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया. दो बॉर्डर पर  एक्शन हुआ और इसके लिए एक नहीं बल्कि कई बुलडोजर मैदान में उतरे और एक-एक करके किसानों के अस्थाई टेंटों को गिरा दिया गया. कई घंटे तक ये बुलडोजर एक्शन चलता रहा. किसान अचानक हुई इस कार्रवाई से हैरान थे. बिना किसी चेतावनी या नोटिस के पंजाब सरकार ने अचानक किसानों को खदेड़ना शुरू कर दिया. एक साथ शंभू और खनौरी बार्डर पर पंजाब पुलिस ने किसानों पर धावा बोल दिया.

इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जब हिरासत में लिया जाने लगा तो पंजाब पुलिस की किसानों के साथ अच्छी खासी झड़प हो गई. किसानों ने पुलिस को रोकने की पूरी कोशिश की. काफी देर तक टकराव के हालात बने रहे लेकिन पुलिस ने आखिर डल्लेवाल को हिरासत में ले लिया और धरना स्थल से दूर ले गई. उधर खनौरी बार्डर पर भी अचानक एक्शन हुआ.

रात के अंधेरे में पुलिस ने एक एक किसान को धरनास्थल से हटा दिया. शंभू बार्डर के मुकाबले यहां पुलिस को कुछ खास विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. खनौरी बार्डर पर चार हजार पुलिस वाले एक्शन के लिए पहुंचे थे. अब यहां दो से तीन दिन पुलिस की तैनाती रहेगी. आरोप लग रहे हैं कि कारोबारियों की मांग पर पंजाब पुलिस एक्शन में आई और हाइवे को खोला गया है.

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हालांकि इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है. सारी विरोधी पार्टियों ने एक साथ मिलकर आप सरकार की घेराबंदी की है. बीजेपी का आरोप है कि केंद्र के साथ बातचीत सफल ना हो जाए, इस डर से एक्शन हुआ है. आप ने जवाबी दलील दी कि हाइवे रुकने से राज्य की तरक्की रुक रही थी.

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