
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है. पिछले कुछ महीनों में म्यांमार सेना और जातीय सशस्त्र संगठन और पीडीएफ की गतिविधियों पर हमारी नजर है. इस दौरान म्यांमार सेना के करीब 416 जवान सरहद पार कर चुके हैं.
भूटान के कुछ नागरिक मिजोरम और मणिपुर दोनों में शरण ले रहे हैं. लेकिन चिंता की बात यह है कि भारत के अंदर स्थिति-म्यांमार सीमा पर कुछ विद्रोही समूह हैं, जो दबाव महसूस कर रहे हैं. उन्होंने अब मणिपुर राज्य में सीमा के हमारी तरफ आने का प्रयास किया है. मणिपुर की स्थिति के साथ मिलकर सेना स्थिति पर नजर रख रही है. सेना के पास असम राइफल्स की करीब 20 बटालियन हैं, जो भारत-म्यांमार सीमा पर तैनात हैं. सीमा पर हमारी बाड़ को और मजबूत करने की बात भी चल रही है.
राजौरी-पुंछ में आतंकी गतिविधियां
आर्मी चीफ ने बताया कि देश की उत्तरी सीमा पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील है. दोनों पक्षों के बीच संतुलन संबंधी मुद्दों का समाधान ढूंढने के लिए बातचीत जारी है. ऑपरेशनल तैयारियां काफी ज्यादा है. राजौरी पुंछ के इलाके में आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं. सीमा पार से राजौरी पुंछ सेक्टर में प्रॉक्सी टैंडेम के लिए बुनियादी ढांचे का समर्थन जारी है. अग्निवीरों के पहले दो बैच अब पूरी तरह से फील्ड इकाइयों में तैनात हैं और प्रतिक्रिया बहुत रोमांचक और सकारात्मक है.
चीनी भाषा के विशेषक्ष शामिल
सैन्य प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हम सिक्योर आर्मी मोबाइल लेकर आए हैं. इसमें सुरक्षा सुविधाओं के साथ 5G रेडी हैंडसेट होगा. हमारे पास पहले से ही इनमें से 2500 मोबाइल हैं और हम उनमें से 35,000 चाहते हैं. हम प्रादेशिक सेना में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ को भी शामिल कर रहे हैं. पिछले साल हमने प्रादेशिक सेना में चीनी भाषा या मंदारिन विशेषज्ञों को शामिल किया था.
LOC पर संघर्ष विराम कायम
चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि जहाँ तक जम्मू-कश्मीर में हालात का सवाल है, एलओसी पर संघर्ष विराम की सहमति बनी हुई है. भले ही घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं, लेकिन हम इन्हें विफल करने में सक्षम हैं. हमारे पास मजबूत स्थिति है. हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन के उपयोग को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन तंत्र मौजूद है. -