Advertisement

देश में हिट एंड रन से हर घंटे 6 की मौत, 50% मामलों में टक्कर मारने वाली गाड़ियां ट्रेस नहीं

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक हिट एंड रन के मामलों में हर घंटे करीब 6 लोगों की मौत होती है. इतना ही नहीं हिट एंड रन के ही कारण हर रोज करीब 140 लोग अपनी जान गंवा देते हैं.

तस्वीर उस समय की है, जब देशभर में हिट एंड रन कानून के खिल्फ लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे.(File Photo) तस्वीर उस समय की है, जब देशभर में हिट एंड रन कानून के खिल्फ लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे.(File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

हिट एंड रन को लेकर बनाए गए नए कानून को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है. बस, ट्रक और डंपर चालकों ने कुछ दिन पहले ही इसके विरोध में देशव्यापी हड़ताल कि है. लेकिन इन सबके बीच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक हिट एंड रन के मामलों में हर घंटे करीब 6 लोगों की मौत होती है. इतना ही नहीं हिट एंड रन के ही कारण हर रोज करीब 140 लोग अपनी जान गंवा देते हैं.

Advertisement

एनसीआरबी का रिपोर्ट का सबसे स्याह पहलू यहा है कि हिट एंड रन के करीब 50 फीसदी मामलों में पुलिस आरोपिोयं की गाड़ियों को ट्रेस ही नहीं कर पाती. यानी घटना के लिए जिम्मेदार गाड़ी चालक मौके से किसी भी तरह भागने में कामयाब हो जाते हैं. गाड़ी ट्रेस ना होने पाने पर आरोपी फरार घोषित हो जाते हैं. जब गाड़ियां ट्रेस नहीं हो प पाती हैं तो पीड़ित के परिवार को न्याय के साथ-साथ मुआवजा भी नहीं मिल पाता है. इसके बाद पीड़ित के परिवार को उनकी पूरी जिंदगी परेशानियों में ही गुजारनी पड़ती है.

क्या है नया हिंट एंड रन कानून?

केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा जुर्माना भी देना होगा. पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था.

Advertisement

पहले और अब के कानून में क्या बदलाव

अब तक हादसा होने पर ड्राइवरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 यानी लापरवाही से वाहन चलाने, 304ए यानी लापरवाही से मौत और 338 यानी जान जोखिम में डालने के तहत केस दर्ज किया जाता रहा है, लेकिन नए कानून में मौके से फरार होने वाले ड्राइवर के खिलाफ 104(2) के तहत केस दर्ज होगा. पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित ना करने पर उसे 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement