
सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए अक्सर आपकी वॉल पर कोई सफेद बालों वाली 'आंटी' या कोई उम्रदराज 'अंकल' नजर आ जाते होंगे. कई बार आप उनकी रील पर क्लिक कर उनका कंटेंट भी देख लेते होंगे. इनमें से कुछ आपको सेहत के टिप्स देते नजर आते हैं, तो कुछ महिलाओं की यौन इच्छाओं पर बात करते हुए. वहीं, कुछ पेड़-पौधों या घर की बालकनी में गार्डनिंग की टिप्स साझा करते दिखते हैं.
अब तक अगर आप ऐसे सोशल मीडिया यूजर्स या स्टार्स को 'आंटी' या 'अंकल' जैसे रोजमर्रा के शब्दों से पहचानते या उन्हें इस तरह से दूसरों को बताते हैं (जैसे- "उस सफेद, लंबे बालों वाली आंटी की रील देखी है?"), तो रुक जाइए. ऐसे सोशल मीडिया यूजर्स या इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक प्रॉपर टर्म है.
इतना ही नहीं, दुनियाभर के कई रिसर्चर्स (शोधकर्ता) ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स, उनके बनाए रील्स या वीडियोज, और उनके कंटेंट से आपकी, हमारी या उनकी उम्र के लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव पर रिसर्च पेपर लिख रहे हैं. इन रिसर्च में कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आ रही हैं और ये कैसे करीब-करीब एक उस पीढ़ी को अलग-अलग तरीके इन्फ्लुएंस कर रहे हैं जिनका फुटप्रिंट सोशल मीडिया पर एक्टीवली मैजूद है.
कौन हैं ये एन्फ्लुएंसर्स?
सोशल मीडिया पर उम्रदराज स्टार्स को देखकर अब हैरानी नहीं होती है. आपकी या हमारी इंस्टाग्राम फीड या फेसबुक वॉल पर सफेद बालों वाली कोई दादीजी बागवानी के टिप्स दे रही हों या कोई अंकल सेहत और फिटनेस के राज बता रहे हों... सोशल मीडिया की दुनिया में ऐसे इन्फ्लुएंसर्स को सिल्वर-हेयर इन्फ्लुएंसर कहते हैं. ये दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
उम्र से परे एक पहचान
सिल्वर इन्फ्लुएंसर वे लोग हैं जो 45-50 साल की उम्र पार कर चुके हैं और सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. ये लोग अपनी उम्र के अनुभवों, संस्कारों, वैल्यूज और समझ का इस्तेमाल करते हुए ऐसे कंटेंट बनाते हैं जो हर उम्र के लोगों को पसंद आता है. Harvard Business Review की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 50+ उम्र के लोग सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रही एक नई कैटेगरी हैं. ब्रांड्स इनकी लोकप्रियता और रीच का फायदा उठाने की जुगत में लगातार जुटे रहते हैं.
क्यों खास हैं सिल्वर इन्फ्लुएंसर?
बढ़ती डिमांड और ऑडियंस: 50 साल से ऊपर के लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 'ग्लोबल एजिंग पॉपुलेशन 2023' रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक इस उम्र के लोगों की संख्या 20% तक बढ़ जाएगी. इसका मतलब है कि इस जनरेशन के लिए कंटेंट और ब्रांड्स की डिमांड बढ़ती ही जाएगी. सिल्वर इन्फ्लुएंसर्स इस डेमोग्राफिक को टारगेट करने के लिए लगातार बेस्ट ऑप्शन बनते जा रहे हैं.
ब्रांड्स के साथ कनेक्शन: कंपनियां इन्हें अपने ब्रांड का चेहरा बनाकर उम्रदराज लोगों तक पहुंचने की कोशिश करती हैं. Forrester Research के अनुसार, 50+ उम्र के लोग उपभोक्ता बाजार (Consumer Market) का एक बड़ा हिस्सा हैं, और सिल्वर इन्फ्लुएंसर इनके लिए ब्रांड्स को कनेक्ट करने का जरिया बन रहे हैं.
यूनिक और डाइवर्स कंटेंट: सिल्वर इन्फ्लुएंसर का कंटेंट बाकी यंग इन्फ्लुएंसर्स से अलग होता है. ये लाइफ, हेल्थ, स्टाइल और ट्रैवल पर अपने अनुभव के आधार पर बातें करते हैं. इनकी बातें काफी रिलेटेबल और सीखने लायक होती हैं. इनकी समझ और किसी विषय पर उनका ज्ञान उनके कंटेंट और भी खास बना देता है.
संस्कारों और मूल्यों (Values) का मिश्रण: सिल्वर इन्फ्लुएंसर अपनी संस्कृति और परंपराओं का खास ध्यान रखते हैं. उदाहरण के तौर पर, कई ऐसे भारतीय इन्फ्लुएंसर त्योहारों पर पारंपरिक रेसिपीज या सजावट की टिप्स शेयर करते हैं, जो युवा पीढ़ी को काफी पसंद आती है और वो इसे देखकर इसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश भी करते हैं. ये टिप्स इनके लिए काफी उपयोगी साबित होती हैं.
जिंदगी का अनुभव: बड़े इन्फ्लुएंसर्स को लोग ज्यादा ऑथेंटिक और भरोसेमंद मानते हैं. इनकी पोस्ट और रील्स में जिंदगी के अनुभव झलकते हैं. आज के दौर में जब असलीपन authenticity की काफी अहमियत है, सिल्वर जेनरेशन के इन्फ्लुएंसर्स ब्रांड्स के लिए परफेक्ट एंबेसडर बनते जा रहे हैं. ऐसे में यूजर्स इन्हें एक्सपीरियंस के नजरिए से देखते हैं और इनके बातों को काफी सीरियसली लेते हैं.
बढ़ रही है सिल्वर इन्फ्लुएंसर की भूमिका
आजकल ये इन्फ्लुएंसर सिर्फ कंटेंट क्रिएटर नहीं हैं बल्कि समाज के लिए एक इंस्पिरेशन बन चुके हैं. साथ ही सिल्वर इन्फ्लुएंसर ये भी साबित कर रहे हैं कि सोशल मीडिया पर चमकने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है. अपने कंटेंट के जरिए ये इन्फ्लुएंसर्स ना सिर्फ मनोरंजन करते हैं, बल्कि हेल्थ, रिलेशनशिप और लाइफस्टाइल जैसे अहम मुद्दों पर लोगों की जागरूक करने की भी काम कर रहे हैं. हालांकि इन प्लेटफॉर्म पर मौजूद मिस इन्फॉर्मेशन और जीवन से जुड़े कई झूठे चकाचौंध से भी इनकरा नहीं किया जा सकता है.
रिसर्च बताती है कि सोशल मीडिया पर उम्रदराज क्रिएटर्स की मौजूदगी हमें एक नया नजरिया देती है. Pew Research Center की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 50+ उम्र के लोग भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से सक्रिय हो रहे हैं.
सिल्वर इन्फ्लुएंसर्स का एंगेजमेंट रेट भी ज्यादा?
'इन्फ्लुएंस मार्केटिंग ट्रेंड्स 2023' की रिपोर्ट (Marketing Dive द्वारा) के मुताबिक, सिल्वर जेनरेशन इन्फ्लुएंसर्स का औसत एंगेजमेंट रेट यंग इन्फ्लुएंसर्स से ज्यादा होता है. इसका मतलब है कि उनकी पोस्ट पर लोग ज्यादा लाइक, कमेंट और शेयर करते हैं. ऐसे में ब्रांड्स अब सिल्वर इन्फ्लुएंसर्स के साथ ज्यादा पार्टनरशिप कर रहे हैं. वजह साफ है... ये Older Consumers तक पहुंचने का बेस्ट जरिया हैं. खासकर ये वो लोग होते हैं जिनकी Purchasing Power (खरीदने या पैसे खर्च करने की क्षमता ) अधिक होती है.
साथ ही 60% ब्रांड्स अगले कुछ साल में सिल्वर इन्फ्लुएंसर्स के साथ कैंपेन पर अपना खर्च बढ़ा सकती है या फिर बढ़ाने की तैयारी में है. इसका मतलब है कि इनकी डिमांड और लोकप्रियता आने वाले समय में आज के मुकाबले और अधिक बढ़ने वाली है.
भारत में सोशल मीडिया यूज और ट्रेंड्स का हाल
आजकल सोशल मीडिया पर सिर्फ 20 साल के लोग ही इन्फ्लुएंसर नहीं हैं, न ही सिर्फ फैशन और माइक्रो बिकिनी के चर्चे हैं. बुजुर्ग लोग भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने बच्चों पर नजर रखने से आगे बढ़कर खुद की पहचान बनाने के लिए कर रहे हैं. Statista के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में दुनियाभर में 5 बिलियन से ज्यादा लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. 2028 तक ये आंकड़ा 6 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है.
भारत में भी सोशल मीडिया तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इसके यूजर्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. DataReportal की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत में 462 मिलियन लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे, जो देश की कुल जनसंख्या का 32.2% है. इनमें से 383 मिलियन यूजर्स 18 साल और उससे ऊपर की उम्र के थे. कुल इंटरनेट यूजर्स का 61.5% कम से कम एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है. भारत में सोशल मीडिया यूजर्स में पुरुषों की हिस्सेदारी 68.6% और महिलाओं की हिस्सेदारी 31.4% है.
सोशल मीडिया पर कौन बिताता है कितना समय
Soax की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 18-24 साल की Gen Z जनरेशन औसतन 3 घंटे रोजाना सोशल मीडिया पर बिताती है. वहीं, 25-34 साल के मिलेनियल्स करीब 2 घंटे 48 मिनट रोजाना सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. 55 साल से ऊपर के यूजर्स भी सोशल मीडिया का हिस्सा हैं, लेकिन वे फिलहाल औसतन 1 घंटे 46 मिनट ही इन प्लेटफॉर्म्स पर बिताते हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का यूजर बेस
Statista के डेटा के मुताबिक 2024 में भारत इंस्टाग्राम का सबसे बड़ा मार्केट था, जहां करीब 385 मिलियन एक्टिव यूजर्स थे. दुनियाभर में इंस्टाग्राम यूजर्स औसतन 33.9 मिनट रोजाना इस ऐप पर समय बिताते हैं. हालांकि, TikTok, YouTube और X (Twitter) के मुकाबले Instagram पर समय कम बिताया जाता है.
उम्र के अनुसार भारत में सोशल मीडिया यूजर्स
DataReportal की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत में 18-24 साल के 23.9% पुरुष और 12.5% महिलाएं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे थे. 25-34 साल के पुरुष यूजर्स 25.4% और महिला यूजर्स 11.1% थे.
इसके अलावा 35-44 साल की उम्र के 11.3% पुरुष और 4.5% महिलाएं सोशल मीडिया पर एक्टिव थीं.
45-54 साल की उम्र में यह आंकड़ा 4.6% पुरुष और 1.9% महिलाओं का है. 55 साल और उससे ऊपर की उम्र के यूजर्स में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले पुरुष 2% और महिलाएं 0.9% हैं.
ये आंकड़े दिखाते हैं कि सोशल मीडिया हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी प्लेटफॉर्म बन चुका है. चाहे Gen Z हो या सिल्वर इन्फ्लुएंसर, हर कोई अपने तरीके से सोशल मीडिया पर कंटेंट बना रहा है और एंगेज कर रहा है. अगर आप सोशल मीडिया यूजर हैं या इन्फ्लुएंसर बनने की सोच रहे हैं, तो ये आंकड़े आपकी मदद कर सकते हैं. यह एक खुला बाजार है और यहां उम्र सचमुच बस एक नंबर है.