
धनबाद के अतिरिक्त जज उत्तम आनंद हत्याकांड में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषियों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इन दोनों को 28 जुलाई को दोषी ठहराया गया था. उत्तम आनंद की 28 जुलाई 2021 को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वे सुबह से वॉक के बाद वापस आवास लौट रहे थे. तेज रफ्तार ऑटो ने उत्तम आनंद को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
बता दें कि जज उत्तम आनंद हत्याकांड के मामले में रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने सुनवाई की, उसके बाद फैसला सुनाया. कोर्ट ने धारा 302 और 34, 201 के तहत दोषी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके साथ 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. चूंकि ये ज्यूडिशियरी पर हमला था, इसलिए अंतिम सांस तक दोनों दोषियों को सलाखों के पीछे रहना होगा. वहीं, बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि वे मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे.
वहीं, जज के परिवार का कहना है कि अपराधी और साजिशकर्ता कोई और है, जिसे अभी पकड़ा जाना बाकी है. जज के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी, एक बेटा, उनकी मां और पिता, भाई हैं. जज का परिवार हजारीबाग का रहने वाला है. सीबीआई की जांच से वे संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं.
जज उत्तम आनंद के भाई सुमन कुमार और उनके बहनोई विशाल आनंद ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि लखन वर्मा और राहुल वर्मा दोनों को अपराध को अंजाम देने के लिए हायर किया गया था, लेकिन साजिश करने वाले अभी भी फरार हैं. मुख्य अपराधी का कुछ पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा है कि वे मामले की दोबारा जांच कराने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे. परिजन चाहते हैं कि इस मामले में अब भी कुछ रहस्य छिपे हैं, जिनका पर्दाफाश होना चाहिए.
धनबाद में जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में ठीक एक साल बाद न्याय आया है. 28 जुलाई 2021 को रणधीर वर्मा चौक के पास उत्तम आनंद की हत्या कर दी गई थी. उत्तम मॉर्निंग वॉक के बाद पैदल अपने आवास की तरफ जा रहे थे, तभी स्टील गेट धनबाद की ओर जा रहे एक तेज रफ्तार ऑटो अचानक उनकी तरफ मुड़ा और पीछे से टक्कर मार दी थी. उसके बाद घटनास्थल से भाग गया. चौक पर लगे सीसीटीवी में पूरी घटना कैद हो गई. फुटेज ने स्पष्ट कर दिया था कि ये घटना कोई साधारण हिट एंड रन की नहीं है, बल्कि हत्या की गई है.
विशेष सीबीआई अदालत धनबाद ने सीसीटीवी फुटेज और 58 गवाहों की जांच के बाद मामले में फैसला सुनाया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को हर हफ्ते केस जुड़ी मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए थे. सीबीआई ने मामले की जांच की. ट्रायल के तहत आरोपी राहुल वर्मा और लखन वर्मा पर धारा 302, 34 के तहत सामान्य इरादे और धारा 201 सबूत नष्ट करने के लिए केस दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में हुई.