
लद्दाख में इस बार सर्दियों में सेना के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. लद्दाख में सर्दियों में तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे तक चला जाता है. सर्दियों में यहां रहने वाले जवानों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
कड़ाके की ठंड और हड्डी गला देने वाली हवा से मुकाबले के लिए सेना को मॉड्यूलर शेल्टर दिए गए हैं, इन शेल्टरों को तुरंत किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है.
चीन के साथ लगी सीमा पर तैनात जवानों को रहने के लिए स्मार्ट कैंप की व्यवस्था की गई है. इन कैंपों को कई साल के रिसर्च के बाद बनाया गया है. इन कैंपों में बिजली सप्लाई, गर्म पानी, हीटिंग की सुविधा समेत अन्य जरूरी चीजों का ख्याल रखा गया है.
एक सूत्र ने बताया कि जिन सैनिकों की फ्रंट लाइन पर तैनाती है, उनके लिए गर्म टेंट की व्यवस्था है, जरूरत के मुताबिक इसे इस्तेमाल किया जा सकता है. फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात सैनिकों के लिए ऐसे टेंट की व्यवस्था की गई है जो सैनिकों को -50 डिग्री तापमान में भी सुरक्षा प्रदान कर सकें.
आर्मी पोस्ट पर मौजूद सामानों और उपकरणों को बर्फ से बचाने के लिए भी विशेष शेल्टर की व्यवस्था की गई है.
बता दें कि लद्दाख में इस साल मई से ही भारत और चीन के बीच तल्खी बढ़ी हुई है. इस वक्त दोनों ओर लगभग 50 हजार जवानों की तैनाती है. दोनों देशों के बीच आठ राउंड की वार्ता के बाद भी बॉर्डर से सैनिकों की वापसी पर अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है.
बता दें कि लद्दाख में सर्दियों के मौसम में कड़ाके की ठंड पड़ती है, कई स्थानों पर तो बर्फ की चालीस फीट तक परत जम जाती है. अभी लद्दाख में सामान्य दिनों की अपेक्षा चार गुना ज्यादा सैनिकों की तैनाती है. इतनी बड़ी संख्या के लिए लॉजिस्टिक और दूसरी सुविधा मुहैया कराने के लिए पूरी सैन्य मशीनरी को एक्शन में ला दिया गया है.
ठंड के मौसम में लद्दाख में कई क्षेत्र ऐसे हैं जो सड़क से कट जाते हैं, यहां सप्लाई मुश्किल होती है, इन स्थानों में ठंड की जिंदगी न सिर्फ चुनौतीपूर्ण बल्कि मौत से पल-पल सामना करने जैसी होती है.
भारतीय सेना ने सर्दियों के लिए पर्याप्त राशन, कपड़े, टेंट, ईंधन की व्यवस्था दो महीने पहले ही कर ली है. सूत्रों के मुताबिक अभी यहां सेना के पास इतना स्टाक है कि इससे एक साल की जरूरत पूरी की जा सके.