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श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में अनुरा कुमार दिसानायके ने ली शपथ, बोले- 'पुनर्जागरण' का नया युग

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने शपथ ग्रहण करते हुए देश में 'पुनर्जागरण' का वादा किया. ऐतिहासिक चुनाव और आर्थिक संकट के बीच, उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा और राजनीतिक ईमानदारी का आश्वासन दिया है. दिसानायके को युवाओं ने अच्छा-खासा वोट दिया है, जो लंबे समय से बदलाव की मांग कर रहे थे.

अनुरा कुमारा दिसानायके अनुरा कुमारा दिसानायके
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

आर्थिक संकटों से उबर रहे श्रीलंका में अब नई सरकार बन गई है. अगले राष्ट्रपति के रूप में अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को शपथ ली. उन्हें देश के मुख्य न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई. अपने भाषण में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए धन्यवाद दिया.

56 वर्षीय डिसानायके ने कहा, "मैं आश्वासन देता हूं कि मैं लोकतंत्र की रक्षा करूंगा और राजनेताओं की प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए काम करूंगा, क्योंकि लोगों को उनके आचरण पर संदेह है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है और वह कोई जादूगर नहीं हैं, बल्कि एक सामान्य नागरिक हैं.

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'पुनर्जागरण' का नया युग

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति ने आगे कहा, "मेरा पहला काम लोगों की प्रतिभा और नॉलेज का इस्तेमाल करके बेहतर फैसले लेने का होगा. मैं इस पूरी जिम्मेदारी में अपना योगदान देना चाहता हूं." इसके बाद, सोशल मीडिया पर उन्होंने देश में 'पुनर्जागरण' की नई युग की शुरुआत का वादा किया.

दिसानायके युवाओं की पसंद

दिसानायके की जीत श्रीलंका के लिए एक अहम मोड़ है. उन्होंने समागी जना बलावेगया (SJB) के सजिथ प्रेमदासा को हराकर राष्ट्रपति चुनाव जीता है. चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट नहीं मिले थे और इस वजह से वोटों की गिनती दो बार करनी पड़ी और फिर दिसानायके की जीत पर मुहर लगी. दिसानायके खासतौर पर युवाओं ने अच्छा-खासा मतदान किया है, जो लंबे समय से सत्ता में बदलाव की मांग कर रहे थे.

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5.74 मिलियन वोटों के साथ जीते

अनुरा कुमार दिसानायके को चुनाव में 5.74 मिलियन वोट मिले, जबकि प्रेमदासा को 4.53 मिलियन वोट मिले. उनके एक समर्थक ने कहा, "यह हमारी जीत है, लेकिन आगे का रास्ता लंबा है." दिसानायके की पार्टी जेवीपी करीब 50 साल पुरानी पार्टी है लेकिन पार्टी अब तक मार्जिन पर ही रही है, और वह अपनी पार्टी के पहले नेता हैं, जिन्होंने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की है.

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