
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच सहयोग को और ऊंचाई पर ले जाने सहित कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. सितंबर में राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर दिसानायके रविवार को नई दिल्ली पहुंचे. इस बैठक के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया. पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं राष्ट्रपति दिसानायके का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूं. हमें खुशी है कि राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए आपने भारत को चुना है. आप की इस यात्रा से हमारे संबंधों में नई गति और ऊर्जा का सृजन हो रहा है.'
पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत और श्रीलंका के बीच इलेक्ट्रिक ग्रिड कनेक्टिविटी और मल्टी प्रोडक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करने पर काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका के बिजली संयंत्रों को एलएनजी सप्लाई करेगा. पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि भारत ने श्रीलंका को 5 अरब डॉलर का ऋण और अनुदान दिया है. उन्होंने ऐलान किया कि श्रीलंका में रेलवे सिस्टम को बढ़ावा देने और इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए भारत आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि श्रीलंका के 1500 सिविल सर्वेंट्स की ट्रेनिंग भारत में होगी.
श्रीलंकाई छात्रों को स्कॉलरशिप देगी भारत सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा समझौते को अंतिम रूप देने का फैसला किया था. अब हम भारत और श्रीलंका के बीच एक नई फेरी सर्विस शुरू करेंगे. उन्होंने कहा उम्मीद जताई कि श्रीलंका सरकार तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अगले साल से जाफना और पूर्वी प्रांत के विश्वविद्यालयों में भारत सरकार की तरफ से 200 छात्रों को मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी.
भारत के लिए हमारा निरंतर समर्थन: दिसानायके
श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने आश्वासन दिया कि उनका देश अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा. भारतीय प्रधानमंत्री के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिसानायके ने कहा, 'मैंने भारत के प्रधानमंत्री को यह आश्वासन भी दिया है कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से ऐसे काम के लिए नहीं होने देंगे जो भारत के हित के लिए हानिकारक हो. भारत के साथ श्रीलंका का सहयोग निश्चित रूप से फलेगा-फूलेगा और मैं आपको भारत के लिए हमारे निरंतर समर्थन के बारे में आश्वस्त करना चाहता हूं.'
आपस में जुड़े हैं भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित
श्रीलंका में चीन की बढ़ती पकड़ पर चिंताओं के बीच, भारत ने इस द्वीप राष्ट्र के साथ अपने आर्थिक और रक्षा संबंधों का विस्तार किया है. संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और श्रीलंका के बीच लोगों से लोगों के संबंध हमारी सभ्यताओं से जुड़े हुए हैं. हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि हमारे सुरक्षा हित आपस में जुड़े हुए हैं. हमने रक्षा सहयोग समझौते को जल्द ही अंतिम रूप देने का फैसला किया है. इसके तहत समुद्री सुरक्षा, काउंटर टेररिज्म, साइबर सिक्योरिटी, तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई, मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे विषयों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा. हाइड्रोग्राफी पर भी सहयोग पर सहमति बनी है. हमारा मानना है कि कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है.'