Advertisement

महाकुंभ में भगदड़, पश्चिम बंगाल के कई परिवारों ने खोए अपने परिजन... मां को खोने वाले बेटे का दर्द

पश्चिम बंगाल के कई परिवारों ने महाकुंभ मेले की भगदड़ में अपने प्रियजनों को खो दिया. कोलकाता की बसंती पोद्दार और पश्चिम मेदिनीपुर की उर्मिला भुइयां हादसे में जान गंवा बैठीं. परिजनों का आरोप है कि मौके पर पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था न के बराबर थी. वहीं, अस्पताल मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में देरी कर रहा है.

भगदड़ में अपने प्रियजनों को खो दिया. भगदड़ में अपने प्रियजनों को खो दिया.
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बाद मची भगदड़ ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं. वहीं, पश्चिम बंगाल के कई परिवारों के लिए महाकुंभ मेला इस बार दर्द और गम की वजह बन गया, जहां भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई. मृतकों में कोलकाता की रहने वाली बसंती पोद्दार और पश्चिम मेदिनीपुर के सालबोनी की 78 वर्षीय उर्मिला भुइयां भी शामिल थीं.

Advertisement

मां को खोने वाले बेटे का दर्द

कोलकाता की रहने वाली बसंती पोद्दार अपने बेटे सुर्जीत पोद्दार के साथ कुंभ मेले में गई थीं, जहां भगदड़ के दौरान उन्होंने अपनी मां को खो दिया. सुर्जीत ने बताया कि हादसे के वक्त वहां कोई पुलिस या प्रशासनिक व्यवस्था नहीं थी. उन्होंने कहा, जब भगदड़ मची, तब कोई स्वयंसेवक या पुलिसकर्मी नहीं था. अगर सुरक्षा के इंतजाम होते, तो यह हादसा नहीं होता.

ये भी पढ़ें- भगदड़ का दर्द और आस्था का सैलाब... मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में 8 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी

सुर्जीत ने बताया कि मेरी मां 45 मिनट तक वहीं पड़ी रहीं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. तीन लोग उनके ऊपर गिर गए थे. मुझे 15 मिनट बाद उठाया गया, लेकिन पुलिस वहां नहीं दिखी. स्थानीय लोगों ने हमारी मदद की. जब हम मां को अस्पताल लेकर गए, तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. हमें अब तक उनका मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है.

Advertisement

सुर्जीत ने यह भी बताया कि अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में देरी की बात कही है. उन्होंने कहा है कि प्रमाण पत्र 7-8 दिनों में मिलेगा और वे इसे हमें भेज देंगे. अगर प्रशासन और पुलिस सतर्क होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था.

सालबोनी की उर्मिला भुइयां की भी मौत

इस भगदड़ में सालबोनी, पश्चिम मेदिनीपुर की 78 वर्षीय उर्मिला भुइयां ने भी अपनी जान गंवा दी. वह कुंभ मेले में पवित्र स्नान करने गई थीं, लेकिन यह यात्रा उनके परिवार के लिए दुःखदायी बन गई. उनकी बहू ने बताया कि हादसे की जानकारी उन्हें परिवार के एक सदस्य से मिली. उन्होंने कहा, मेरे भाई ने फोन करके बताया कि कुंभ में भगदड़ मची है और वे मां से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. फिर करीब 1:30 बजे हमारे एक रिश्तेदार, जो उनके साथ थीं और खुद घायल हो गई थीं. उसने अस्पताल से फोन करके बताया कि सासू मां अब इस दुनिया में नहीं रहीं.

प्रशासन पर उठे सवाल

इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों के परिवारों ने बताया कि भगदड़ के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों की मौजूदगी नगण्य थी. अगर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी. परिजनों ने सरकार से मांग की है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement