
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के समीप चिकबल्लापुर स्थित सद्गुरु सन्निधि में आदियोगी की 112 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. 112 फीट ऊंची आदियोगी की प्रतिमा का रविवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने किया. कर्नाटक के सीएम ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदियोगी लंबे समय तक लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे.
उन्होंने कहा कि कोयंबटूर भी गया था. अगर हम कुछ क्षण के लिए भी आदियोगी को देखते हैं तो गहरी अनुभूति होती है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सद्गुरु की भी जमकर तारीफ की और कहा कि वे सद्गुरु नहीं, सदा गुरु हैं. उनकी साधना, अनुभव और कर्म किसी भव्य दर्शन से कम नहीं. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे शक्तिशाली पीठ, परिवर्तन के स्रोत होते हैं.
इस अवर पर सद्गुरु ने कहा कि ये जगह उन लोगों के लिए है जो ऊपर उठना चाहते हैं. जो लोग आम जिंदगी से उठकर, जीवन के स्रोत तक पहुंचना चाहते हैं, तल्लीन होकर जीना चाहते हैं. उन्होंने आदियोगी की प्रतिमा के अनावरण के बाद ट्वीट कर कहा कि आदियोगी जीवन के प्रति एक सचेतन उत्तर बनने और एक जागरूक धरती बनाने की सभी संभावनाएं प्रदान करते हैं.
सद्गुरु ने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि भविष्य उनका है जो दुनिया में एक जिम्मेदार और उत्तरदायी समाधान बनने का प्रयास करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि मेरी कामना है कि आप आदियोगी के इस आनंद और कृपा को जानें.
प्रतिमा अनावरण के बाद 14 मिनट का शो
आदियोगी की प्रतिमा के अनावरण के ठीक बाद 14 मिनट का आदियोगी दिव्य दर्शनम भी दिखाया गया. इस शो में वीडियो इमेजिंग को 112 फीट के आदियोगी पर मैप किया गया. इसके बाद ईशा सम्स्कृति के छात्रों ने और साउड्स ऑफ ईशा ने अपनी कला प्रदर्शित कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी 2023 से हर दिन शाम के समय सैलानियों के लिए आदियोगी दिव्य दर्शनम की प्रस्तुति की जाएगी.
प्रतिमा अनावरण से पहले सद्गुरु ने क्या कहा
सद्गुरु सन्निधि में आदिगुरु की 112 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण से पहले सद्गुरु ने प्रतिमा के पास योगेश्वर लिंग की प्राणप्रतिष्ठा की और इसे मानव तंत्र में पांच चक्रों की अभिव्यक्ति बताया. उन्होंने कहा कि योगेश्वर लिंग की मौजूदगी से आदियोगी एक जीवंत इकाई बन जाएंगे. नाग-प्रतिष्ठा के बाद सद्गुरु सन्निधी में यह दूसरी ऐसी प्राणप्रतिष्ठा है.
सद्गुरु ने प्राणप्रतिष्ठा के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि योगेश्वर लिंग को गहन तीव्रता, भागीदारी और समावेशी भाव लाने के लिए डिजाइन किया गया है जो परम एकत्व की ओर ले जाएगा.
सद्गुरु सन्निधि में बनेगा नाग मंदिर
सद्गुरु सन्निधि में नाग मंदिर, आदियोगी और योगेश्वर लिंग के साथ ही एक लिंग भैरवी मंदिर, नवग्रह मंदिर और दो तीर्थकुंड या ऊर्जान्वित जल कुंड भी बनाए जाएंगे. इसमें ईशा होम स्कूल, पारंपरिक भारतीय कला से संबंधित रूप के लिए स्कूल, ईशा संस्कृति और ईशा लीडरशिप अकादमी भी होगी. ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर की तरह सन्निधि में योग कार्यक्रम लोगों को अपने आंतरिक विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने में मदद करेंगे.
गौरतलब है कि सद्गुरु सन्निधि दुनिया भर में आध्यात्मिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के सद्गुरु के दृष्टिकोण का एक हिस्सा है जिसके जरिए मानवता को आध्यात्मिकता की एक बूंद मिले, ये लक्ष्य रखा गया है. सद्गुरु से जुड़े लोगों का कहना है कि यह स्थान व्यक्ति में आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देगा. यह मन, शरीर, भावना और ऊर्जा में सामंजस्य लाने के लिए प्राचीन योग विज्ञान के कई साधनों और तकनीक को प्रस्तुत करेगा.
कार्यक्रम में पहुंचीं ये हस्तियां
आदियोगी की विशाल प्रतिमा के अनावरण के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ ही राजनीति, खेल और फिल्म जगत की कई हस्तियां भी शामिल हुईं. कर्नाटक सरकार के मंत्री डॉक्टर के सुधाकर,मंत्री बीसी नागेश के साथ ही अभिनेत्री अनु प्रभाकर, रघु मुखर्जी, आशिका रंगनाथ, बिग बॉस कन्नड़ सीजन छह के विजेता शशि कुमार, भारतीय क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति और पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद भी कार्यक्रम में शामिल हुए.